
कोरोना वायरस की दूसरी लहर जैसी महाचुनौती के बीच भी देश की जनता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास बना हुआ है. ये दावा एक अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा किया गया है, जिसमें राष्ट्राध्यक्षों की अप्रूवल रेटिंग की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सबसे पहले आया है. पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन समेत अन्य सभी नेताओं से काफी आगे हैं.
द मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा समय-समय पर इस तरह का सर्वे किया जाता है. इसके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रूवल रेटिंग्स 66 फीसदी है, जो किसी भी वैश्विक नेता से इस वक्त काफी ज्यादा है.
बता दें कि अगस्त 2019, जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का फैसला लिया था, तब ऐसे ही एक सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रूवल रेटिंग 82 फीसदी तक पहुंची थी.
सर्वे को लेकर कंपनी की ओर से ट्वीट किया गया कि मॉर्निंग कंसल्ट जो कि दुनिया के 13 चुने हुए नेताओं की नेशनल रेटिंग्स पर नज़र रखती है. पिछले साल से करीब 20 फीसदी का अंतर आया है, उसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 66 फीसदी अप्रूवल रेटिंग्स के साथ दुनिया में नंबर एक नेता बने हुए हैं.’’
अप्रूवल रेटिंग्स की लिस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी नंबर 1 (66 फीसदी), इटली के पीएम मारियो द्रागी नंबर 2 (65 फीसदी) पर हैं. जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (53 फीसदी), कनाडाई पीएम (48 फीसदी), बोरिस जॉनसन (44 फीसदी) लिस्ट में काफी पीछे नज़र आ रहे हैं.
कैसे किया गया है ये सर्वे?
कंपनी द्वारा जो सैंपल साइज़ लिया गया है, उसमें भारत में कुल 2126 लोगों से चर्चा की गई है, जिसमें से 66 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया है, जबकि 28 फीसदी लोगों ने निराशा जताई है.
बता दें कि मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा ये सर्वे काफी जटिल तरीके से किया जाता है. जिसमें कंपनी के पास रियल टाइम पोलिंग डाटा, पॉलिटिकल इलेक्शन डाटा, चुने हुए प्रतिनिधियों का डाटा और चुनावी मुद्दे होते हैं. सर्वे के लिए 11 हजार से अधिक इंटरव्यू दुनियाभर में किए जाते हैं, जबकि करीब पांच हजार इंटरव्यू अमेरिका में राष्ट्रपति और कांग्रेसमैन की अप्रूवल रेटिंग के लिए किए जाते हैं.
डेली ग्लोबल सर्वे 7 दिन के मूविंग एवरेज पर आधारित होता है. ये सभी इंटरव्यू ऑनलाइन किए जाते हैं, जिसमें सर्वे फिलिंग होती है. भारत में जितने भी इंटरव्यू हुए हैं, सभी शिक्षित लोगों से किए गए हैं. इस सर्वे के लिए क्वालिफिकेशन, उम्र, जेंडर, सामाजिक मुद्दे समेत अन्य सभी मसलों को आधार बनाया जाता है.