
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi G-7) ने शनिवार को जी-7 समिट में वर्चुअली हिस्सा लिया. उन्होंने अपने भाषण में क्या कुछ कहा उसकी जानकारी रविवार को विदेश मंत्रालय (MEA) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी. MEA ने बताया कि G-7 समिट के संबोधन में पीएम मोदी का फोकस स्वास्थ्य, टीके और रिकवरी पर रहा. साथ ही पर्यावरण चुनौतियां, खुली अर्थव्यवस्था पर भी उन्होंने जोर दिया.
MEA ने बताया कि पीएम ने कोविड से संबंधित टेक्नोलॉजी के लिए डब्ल्यूटीओ में ट्रिप्स छूट (TRIPS Waiver) के लिए समर्थन का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि पेरिस एग्रीमेंट (Paris Agreement) अनुकूलता हासिल करने की राह पर भारत एकमात्र G-20 देश है.
पीएम मोदी ने WTO में TRIPS छूट के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव के लिए उनका मजबूत समर्थन मांगा. राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने इसका जोरदार ढंग से समर्थन भी किया.
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने भी ट्रिप्स छूट के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया, जैसा कि डब्ल्यूटीओ और संयुक्त राष्ट्र महासचिव के महानिदेशक ने किया था. उन्होंने अपनी वैश्विक टीकाकरण योजना के एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में ट्रिप्स छूट पर जोर दिया. वैक्सीन उत्पादन को दोगुना करके पूरी वैश्विक आबादी का टीकाकरण करने का रोडमैप बने इसपर भी चर्चा हुई.
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन ने भी अफ्रीका में उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. मैक्रॉन ने भारत से वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण उत्पादन केंद्र के रूप में अपनी विशेषज्ञता दूसरे देशों को देने का आह्वान किया.
पी हरीश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पीएम मोदी ने जी-7 समिट में वर्चुअली शिरकत की. इस मौके पर यूके ने हमें बताया कि समिट में पीएम मोदी का व्यक्तिगत रूप से स्वागत नहीं कर पाने पर पीएम बोरिस जॉनसन निराश थे.
उन्होंने बताया कि इस वर्ष के समिट के लिए यूके द्वारा चयनित विषय के मूल में "बिल्ड बैक बेटर" (Build back better) की भावना थी. भारत वर्तमान महामारी से निपटने, इससे सबक सीखने और भविष्य की महामारियों की तैयारी से संबंधित पहलुओं पर जी7, जी20, विश्व स्वास्थ्य सभा के स्तर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है.