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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की. यह बैठक विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर आयोजित की गई थी. इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि 16वीं एशियाटिक शेर की जनसंख्या का आकलन मई में किया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने जूनागढ़ में राष्ट्रीय रेफरल केंद्र-वन्यजीव के लिए शिलान्यास किया और रिवर डॉल्फिन्स पर एक पुस्तक का विमोचन भी किया. इसके अलावा, उन्होंने तमिलनाडु के कोयंबटूर में मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन के लिए एक रेफरल केंद्र की स्थापना की घोषणा की.
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इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित गिर राष्ट्रीय उद्यान में शेर सफारी का आनंद लिया. इस दौरे पर उनके साथ केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और अन्य NBWL सदस्य भी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री के रूप में सेवा के समय की बातें याद आ गई!
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि एशियाटिक शेर की जनसंख्या में वृद्धि हुई है, और इसमें आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी और महिलाओं का योगदान सराहनीय है. उन्होंने कहा, "गिर आने से मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करते हुए समय की कई यादें ताज़ा हो गई."
सिर्फ गुजरात में पाए जाते हैं एशियाटिक शेर
केंद्र सरकार ने एशियाटिक शेरों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट लायन के तहत 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की है. एशियाटिक शेर केवल गुजरात में ही पाए जाते हैं और वर्तमान में वे राज्य के नौ जिलों के 53 तालुकों में लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बसे हुए हैं.
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जूनागढ़ जिले के न्यू पीपल्या में 20.24 हेक्टेयर भूमि पर राष्ट्रीय रेफरल केंद्र की स्थापना के साथ-साथ एक आधुनिक अस्पताल भी स्थापित किया गया है. पीएम मोदी की गुजरात यात्रा के दौरान उन्होंने गिर सोमनाथ जिले के सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और जामनगर की रिलायंस रिफाइनरी में स्थित वन्यजीव केंद्र वंतारा का दौरा किया.