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16 पुल, नहर और ग्रीन एरिया ...3.2 किलोमीटर लंबे 'कर्तव्य पथ' पर होंगी ये सुविधाएं

102 साल में तीसरी बार राजपथ का नाम बदला गया है. ब्रिटिश शासन में इस सड़क का नाम किंग्सवे (Kingsway) हुआ करता था. आजादी के बाद इसका नाम बदलकर 'राजपथ' कर दिया गया, जो किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद है. अब इसका नाम बदलकर कर्त व्यपथ कर दिया गया.

पीएम मोदी कर्तव्य पथ का करेंगे उद्घाटन पीएम मोदी कर्तव्य पथ का करेंगे उद्घाटन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 8 सितंबर, 2022 को शाम 7 बजे 'कर्तव्य पथ' का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. एक दिन पहले ही नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (NDMC) ने राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. राजपथ राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का रास्ता है, जिसकी लंबाई 3.20 किलोमीटर है. राजपथ पर ही हर साल गणतंत्र दिवस पर परेड निकलती है. 

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102 साल में तीन बार बदला गया नाम

102 साल में तीसरी बार राजपथ का नाम बदला गया है. ब्रिटिश शासन में इस सड़क का नाम किंग्सवे (Kingsway) हुआ करता था. आजादी के बाद इसका नाम बदलकर 'राजपथ' कर दिया गया, जो किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद है. अब इसका नाम बदलकर कर्त व्यपथ कर दिया गया.

पीएम 28 फीट ऊंची प्रतिमा का भी करेंगे अनावरण

पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे. यह प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है, जहां इस साल की शुरुआत में 23 जनवरी को नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था. ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा 28 फीट ऊंची है. सका वजन 65 मीट्रिक टन है. इसे मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है. इसे एक ग्रेनाइट पत्थर से उकेरा गया है. 

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नए रंग रूप में दिखेगा 'कर्तव्य पथ'

'कर्तव्य पथ' अब नए रंग रूप में दिखेगा. कर्तव्य पथ के आसपास लाल ग्रेनाइट से करीब 15.5 किमी का वॉकवे बना है. बगल में करीब 19 एकड़ में नहर भी है. इस पर 16 पुल बनाए गए हैं. फूड स्टॉल के साथ दोनों ओर बैठने के भी इंतजाम किए गए हैं. इस पूरे क्षेत्र में करीब 3.90 लाख वर्ग मीटर हरियाली भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी. पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास बनाए गए हैं. शाम को इस इलाके को जगमगाने के लिए आधुनिक लाइट्स का भी इस्तेमाल किया गया है. शुक्रवार से आम लोग भी इसे देख सकेंगे. 

 

कर्तव्य पथ पर ये होंगी सुविधाएं

19 एकड़ में फैले नहर के इलाके को फिर से विकसित किया गया है. पैदल यात्रियों के लिए 16 पुल बनाए गए हैं. कृषि भवन और वाणिज्य भवन के पास वोटिंग की जा सकेगी. लोगों के टहलने के लिए 15.5 किमी का लंबा रास्ता तैयार किया गया है. इसमें रेड ग्रेनाइट लगाया गया है. पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं. कर्तव्य पथ पर बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं देखने को मिलेंगी. पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नई सुख-सुविधाओं वाले ब्लॉक और फूड स्टॉल होंगे.  बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल भी देखने को मिलेगा. 

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आज इन रास्तों का इस्तेमाल करने से बचें

पीएम मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए गुरुवार को ड्रोन उड़ाने पर रोक लगाई गई है. इसके अलावा शाम 6 बजे से 9 बजे तक बसों का रूट भी डायवर्ट किया गया है. आज आप शाम के समय तिलक मार्ग, पुराना किला रोड, शाहजहां रोड, अकबर रोड, अशोक रोड, केजी मार्ग, कोपरनिकस मार्ग, मथुरारोड, अशोक रोड, एपीजे अब्दुल कलाम रोड, राजेश पायलट मार्ग, विंडसर पैलेस, क्लेरिज होटल, फिरोज शाह रोड, मंडी हाउस, सिकंदरा रोड, क्यू पॉइंट और अकबर रोड. 

कर्तव्य पथ का क्या है इतिहास? 

- 1911 में जब अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनाई, तो नई राजधानी को डिजाइन करने का जिम्मा एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दिया गया. 1920 में राजपथ बनकर तैयार हुआ था. तब इसे किंग्सवे यानी 'राजा का रास्ता' कहा जाता था. 

- 1905 में लंदन में जॉर्ज पंचम के पिता के सम्मान में एक सड़क बनाई गई थी, जिसका नाम किंग्सवे रखा गया था. उन्हीं के सम्मान में दिल्ली में जो सड़क बनाई गई, उसका नाम भी किंग्सवे रखा गया. जॉर्ज पंचम 1911 में दिल्ली आए थे, जहां उन्होंने नई राजधानी की घोषणा की थी. 

- आजादी के बाद इसका नाम बदलकर 'राजपथ' रखा गया. हालांकि, ये किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद था. 75 सालों से राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड हो रही है. अब केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर 'कर्तव्यपथ' रखने का फैसला लिया है.
 

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