
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फार्मास्युटिकल क्षेत्र के पहले ग्लोबल इनोवेशन समिट का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने इस दौरान अपने भाषण में कहा कि चाहे जीवनशैली हो, दवाएं हों, चिकित्सा तकनीक हो, या टीके हों, स्वास्थ्य सेवा के हर पहलू पर पिछले दो वर्षों में वैश्विक ध्यान दिया गया है. पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र द्वारा अर्जित वैश्विक विश्वास के चलते हाल के दिनों में भारत को 'विश्व की फार्मेसी' भी कहा गया है.
उन्होंने कहा कि जन कल्याण की हमारी परिभाषा भौतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है. हम संपूर्ण मानव जाति की भलाई में विश्वास करते हैं. और, हमने इस भावना को कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान पूरी दुनिया को दिखाया है. पीएम ने कहा कि हमने महामारी के शुरुआती चरण के दौरान 150 से अधिक देशों को जीवन रक्षक दवाएं और चिकित्सा उपकरण निर्यात किए. हमने इस साल लगभग 100 देशों को कोविड के टीकों की 65 मिलियन से अधिक खुराक का निर्यात भी किया है.
हमारा विजन इनोवेशन के लिए एक ऐसा इको-सिस्टम बनाना है जो भारत को ड्रग डिस्कवरी और इनोवेटिव मेडिकल डिवाइसेज में लीडर बनाए. जिसके लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में वैज्ञानिकों और टेक्नोलॉजिस्ट का एक बड़ा पूल है जो उद्योग को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखता है. इस ताकत को 'डिस्कवर एंड मेक इन इंडिया' के लिए इस्तेमाल करने की जरूरत है.
पीएम ने अपने सबोधन में कहा कि आज, जब भारत के 1.3 बिलियन लोगों ने भारत को आत्मानिर्भर बनाने का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया है, हमें टीकों और दवाओं के लिए प्रमुख सामग्री के घरेलू निर्माण में तेजी लाने के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं आप सभी को आइडिया इन इंडिया, इनोवेट इन इंडिया, मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड के लिए आमंत्रित करता हूं.