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नए अवतार में दिखेगा जलियांवाला बाग, उद्घाटन कर PM मोदी बोले- विभाजन भी त्रासदी था

PM मोदी ने कहा कि जलियांवाला बाग (jallianwala bagh) जैसी ही एक और विभीषिका हमने भारत विभाजन के समय भी देखी है. पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग तो विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे हैं.

PM नरेंद्र मोदी (फाइल-पीटीआई) PM नरेंद्र मोदी (फाइल-पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 8:52 PM IST
  • 'अफगानिस्तान से सैकड़ों साथियों को भारत लाया जा रहा'
  • 'जलियांवाला जैसी ही एक और विभीषिका विभाजन के समय'
  • आजादी के जंग में आदिवासी समाज का बड़ा योगदानः मोदी

पंजाब स्थित ऐतिहासिक जलियांवाला बाग (Jalian Wala bagh) स्मारक के पुनर्निर्मित यानी रिनोवेटेड परिसर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) ने कहा कि पंजाब की वीर भूमि को, जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी को, मेरा प्रणाम. मां भारती की उन संतानों को भी नमन, जिनके भीतर जलती आज़ादी की लौ को बुझाने के लिए अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं.

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पीएम मोदी ने विभाजन की विभीषिका को याद करते हुए कहा कि किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है. इसलिए, भारत ने 14 अगस्त को हर वर्ष ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग जैसी ही एक और विभीषिका हमने भारत विभाजन के समय भी देखी है. पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग तो विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे हैं. विभाजन के समय जो कुछ हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर कोने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं.

'अफगानिस्तान के लिए ऑपरेशन देवी शक्ति' 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनियाभर में कहीं भी, कोई भी भारतीय अगर संकट से घिरता है तो भारत पूरे सामर्थ्य से उसकी मदद के लिए खड़ा हो जाता है. कोरोना काल हो या फिर अफगानिस्तान का संकट, दुनिया ने इसे निरंतर अनुभव किया है. ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत अफगानिस्तान से सैकड़ों साथियों को भारत लाया जा रहा है.

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 13 अप्रैल 1919 के वो 10 मिनट, हमारी आजादी की लड़ाई की वो सत्यगाथा बन गए, जिसके कारण आज हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना पा रहे हैं. ऐसे में आजादी के 75वें वर्ष में जलियांवाला बाग स्मारक का आधुनिक रूप देश को मिलना, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा का अवसर है.

उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग वो स्थान है जिसने सरदार उधम सिंह, सरदार भगत सिंह जैसे अनगिनत क्रांतिवीरों, बलिदानियों, सेनानियों को हिंदुस्तान की आजादी के लिए मर-मिटने का हौसला दिया.

'आदिवासी समाज का बहुत बड़ा योगदान'

आदिवासी समाज के योगदान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के महायज्ञ में हमारे आदिवासी समाज का बहुत बड़ा योगदान है. इतिहास की किताबों में इसको भी उतना स्थान नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था. देश के 9 राज्यों में इस समय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके संघर्ष को दिखाने वाले म्यूज़ियम्स पर काम चल रहा है.

उन्होंने कहा कि देश की ये भी आकांक्षा भी थी, कि सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे सैनिकों के लिए राष्ट्रीय स्मारक होना चाहिए. मुझे संतोष है कि नेशनल वॉर मेमोरियल आज के युवाओं में राष्ट्र रक्षा और देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने की भावना जगा रहा है.

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उन सभी को आज हम याद कर रहे: PM मोदी

PM मोदी ने कहा कि वो मासूम बालक-बालिकाएं, वो बहनें, वो भाई, जिनके सपने आज भी जलियांवाला बाग की दीवारों में अंकित गोलियों के निशान में दिखते हैं. वो शहीदी कुआं, जहां अनगिनत माताओं-बहनों की ममता छीन ली गई, उनका जीवन छीन लिया गया. उन सभी को आज हम याद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब की वीर भूमि को, जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी को, मेरा प्रणाम. मां भारती की उन संतानों को भी नमन, जिनके भीतर जलती आज़ादी की लौ को बुझाने के लिए अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं.

जलियांवाला बाग का केंद्रीय स्‍थल माने जाने वाले 'ज्वाला स्मारक' की मरम्मत करने के साथ-साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है. यहां स्थित तालाब को एक 'लिली तालाब' के रूप में फिर से तैयार किया गया है. लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां के रास्तों को चौड़ा भी किया गया है.

जलियांवाला बाग की इमारत लंबे समय से बेकार पड़ी थी. इसका उपयोग भी काफी कम था. इसलिए इमारतों का दोबारा उपयोग में लाने के लिए चार संग्रहालय दीर्घाएं बनाई गई हैं. ये दीर्घाएं उस अवधि के दौरान पंजाब में घटित विभिन्‍न घटनाओं के विशेष ऐतिहासिक महत्‍व को दर्शाती हैं. इन घटनाओं को दिखाया जाएगा. इस दौरान मैपिंग और 3डी चित्रण के साथ-साथ कला एवं मूर्तिकला जैसी चीजें भी दिखाई जाएंगी.

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