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शहीद भगत सिंह के नाम पर होगा चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नामकरण, मन की बात में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में आजादी का अमृत महोत्सव को लेकर चर्चा की. पीएम ने स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया और पंडित दीन दयाल उपाध्याय को भी उनकी जयंती पर याद किया. पीएम ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को भी याद किया और चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नामकरण उनके नाम पर करने का ऐलान किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटोः PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटोः PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में आजादी का अमृत महोत्सव से लेकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय तक की चर्चा की. पीएम मोदी ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को भी याद किया. पीएम मोदी ने ये ऐलान भी किया कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नामकरण भगत सिंह के नाम पर किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि आज से तीन दिन बाद 28 सितंबर को आजादी के अमृत महोत्सव का एक विशेष दिन आ रहा है. इस दिन भगत सिंह की जयंती मनाई जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि भगत सिंह की जयंती से ठीक पहले उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि ये तय किया है कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम अब शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के साथ ही देशवासियों को इसके लिए बधाई दी और कहा कि इसका इंतजार काफी समय से किया जा रहा था. उन्होंने जयंती पर दीनदयाल उपाध्याय को भी याद किया और कहा कि 25 सितंबर को उनकी जयंती मनाई जाती है. वे कहते थे कि देश की प्रगति का पैमाना, अंतिम पायदान पर मौजूद व्यक्ति होता है. आजादी के अमृतकाल में हम दीनदयाल उपाध्याय को जितना जानेंगे, उनसे जितना सीखेंगे, देश को उतना ही आगे लेकर जाने की प्रेरणा हम सबको मिलेगी.

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद देश में जो हीनभावना थी, उससे आजादी दिलाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने हमारी बौद्धिक चेतना को जागृत किया. पीएम ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की सबसे बड़ी खूबी यही रही है कि उन्होंने अपने जीवन में विश्व की बड़ी-बड़ी उथल-पुथल को देखा था. वे विचारधाराओं के संघर्ष के साक्षी बने थे और इसीलिए एकात्म मानवदर्शन और अंत्योदय के विचार देश के सामने रखे जो पूरी तरह भारतीय थे.

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उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने मानव मात्र को एक समान मानने वाले भारतीय दर्शन को फिर से दुनिया के सामने रखा. हमारे शास्त्रों में कहा गया है- आत्मवत् सर्वभूतेषु यानी जीव मात्र को अपने समान मानें, अपने जैसा व्यवहार करें. पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय दर्शन कैसे दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है, ये दीनदयाल उपाध्याय ने हमें सिखाया. 

उन्होंने कहा कि वे कहते भी थे कि हमारी आजादी तभी सार्थक हो सकती है जब वो हमारी संस्कृति और पहचान की अभिव्यक्ति करे और इसी विचार के आधार पर उन्होंने देश के विकास का विजन दिया. पीएम मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्शों पर चलते हुए उनके सपनों का भारत बनाने का आह्वान किया और कर्तव्यपथ पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित किए जाने का भी जिक्र किया. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक की भी चर्चा की और कहा कि जीवन के संघर्षों से तपे हुए व्यक्ति के सामने कोई भी बाधा टिक नहीं पाती.

चीतों के भारत आने पर लोगों ने जताई है खुशी

पीएम मोदी ने यूपी के अरुण कुमार गुप्ता, तेलंगाना के एन रामचंद्रन रघुराम, गुजरात के राजन और दिल्ली के सुब्रत का जिक्र करते हुए कहा कि चीतों के भारत आने पर बड़ी संख्या में लोगों ने पत्र लिखकर खुशी जताई है. यह भारत का प्रकृति प्रेम है. उन्होंने कहा कि चीतों को लोग कब देख पाएंगे, इसे लेकर कुछ महीने बाद निर्णय लिया जाएगा. पीएम मोदी ने चीतों को लेकर जारी अभियान के नाम, चीतों के लिए नाम का सुझाव देने का भी आह्वान किया. उन्होंने ये बताने के लिए भी कहा कि आखिर इंसान को पशुओं के साथ किस तरह का व्यवहार करना चाहिए.

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स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान पर भी की चर्चा

पीएम मोदी ने स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान की भी चर्चा की और कहा कि हमारे तटीय क्षेत्र पर्यावरण से जुडी कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. क्लाइमेट चेंज, मरीन इको सिस्टम के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है तो वहीं दूसरी ओर हमारे बीच पर फैली गंदगी भी परेशान करने वाली है. उन्होंने देश के तटीय क्षेत्रों में कोस्टल क्लीनिंग के लिए एक कोशिश की गई 'स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर'. 5 जुलाई को शुरू हुआ यह अभियान 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के दिन संपन्न हुआ. इसी दिन Coastal Clean Up Day भी था.

स्वच्छता जैसे प्रयास में स्थानीय समुदाय को शामिल करें

पीएम मोदी ने कहा कि शहरों के मेयर और गांव के सरपंचों से जब बात करता हूं तो ये आग्रह जरूर करता हूं कि स्वच्छता जैसे प्रयास में स्थानीय समुदाय और स्थानीय संगठनों को शामिल करें और इसके लिए इनोवेटिव तरीके बनाएं. उन्होंने बेंगलुरु के यूथ फॉर परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि इस टीम ने अब तक शहर के 370 से अधिक जगह सौंदर्यीकरण किया है. पीएम ने मेरठ के कबाड़ से जुगाड़ अभियान पर भी बात की.

याद दिलाया वोकल फॉर लोकल का संकल्प

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पीएम मोदी ने शुरू होने जा रहे नवरात्रि के त्योहार पर बात की और वोकल फॉर लोकल की भी याद दिलाई. उन्होंने कहा कि अब हम त्योहारों की खुशी में अपने कारीगरों, शिल्पकारों और व्यापारियों को भी शामिल करते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि 2 अक्टूबर को बापू की जयंती के मौके पर हमें इस अभियान को और तेज करने का संकल्प लेना है. खादी, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट के साथ-साथ स्थानीय सामान जरूर खरीदें. हम त्योहार में जो भी गिफ्ट करें उसमें लोकल प्रोडक्ट जरूर हो.

पैकिंग के लिए करें नॉन प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल

पीएम मोदी ने कहा कि त्योहारों पर पैकिंग के लिए नॉन प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल करें. हमारे यहां जूट के, सूत के, केले के और ऐसे कितने ही पारंपरिक बैग का चलन एक बार फिर से बढ़ रहा है. ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम त्योहारों के अवसर पर इनको बढ़ावा दें और स्वच्छता के साथ अपने और पर्यावरण के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें.

दूसरों के हित जैसा कोई धर्म नहीं

पीएम मोदी ने कहा कि दूसरों का हित करने के समान कोई और धर्म नहीं है. आपने भी देखा होगा कि लोग आगे आकर किसी न किसी टीबी के मरीज को गोद ले रहे हैं और उसके पौष्टिक आहार का बीड़ा उठा रहे हैं. दरअसल, ये टीबी मुक्त भारत अभियान का एक हिस्सा है जिसका आधार जनभागीदारी है. उन्होंने कहा कि सही पोषण से ही सही समय पर मिली दवा से टीबी का इलाज संभव है. पीएम ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जनभागीदारी की इस शक्ति से साल 2025 तक भारत जरूर टीबी से मुक्त हो जाएगा.

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दमन में चल रहा ग्राम दत्तक कार्यक्रम

पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमन दीव से मन को छू लेने वाला उदाहरण मिला है. यहां के आदिवासी क्षेत्र की जीनू रावतिया ने लिखा है कि वहां चल रहे ग्राम दत्तक कार्यक्रम के तहत मेडिकल कॉलेज के छात्रों नवे 50 गांवों को गोद लिया है जिनमें उनका गांव भी शामिल है. उन्होंने पिछले महीने मन की बात में मोटे अनाज को लेकर की गई चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि इसे लेकर लोगों में बहुत उत्सुकता है. ये एक बड़े बदलाव के संकेत हैं.

कई साल बाद हो रहा नेशनल गेम्स का आयोजन

पीएम मोदी ने नेशनल गेम्स के 29 सितंबर से गुजरात में होने जा रहे आयोजन की भी चर्चा की और कहा कि ये खास मौका है. कई साल बाद ये आयोजन हो रहा है. कोरोना के कारण पिछली बार आयोजन रद्द करना पड़ा था. उन्होंने ये भी कहा कि इस दिन खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए मैं उनके बीच में ही रहूंगा. पीएम ने सभी से नेशनल गेम्स को फॉलो करने और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने का आह्वान किया.

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