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किसान आंदोलन के बीच मोदी ने याद दिलाई गुरु नानक की सीख, कहा- संवाद चलते रहना चाहिए

कृषि कानून के खिलाफ किसानों के जारी आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संबोधन के दौरान सिख गुरु नानक देव की सीख को पढ़ा और कहा कि हमेशा संवाद चलते रहना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PIB) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PIB)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:19 PM IST
  • पीएम मोदी ने नए संसद भवन की नींव रखी
  • पीएम बोले- संवाद चलते रहना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की नींव रखी. आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में लोकतंत्र से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया. इसी बीच पीएम मोदी ने सिखों के प्रथम गुरु नानक देव की कुछ बातें बताई और कहा कि उन्होंने हमेशा कहा है कि संवाद चलते रहना चाहिए. पीएम मोदी द्वारा इन शब्दों का इस्तेमाल ऐसे वक्त में किया गया है, जब आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार में संवाद टूटता दिख रहा है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘सिख गुरु नानक देव ने कहा है जबतक दुनिया रहे, तबतक संवाद चलते रहना चाहिए.’ पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में आशावाद को जगाए रखना, हमारा दायित्व है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में पॉलिसी में अंतर हो सकता है, लेकिन हमारा अंतिम लक्ष्य पब्लिक सर्विस ही है. ऐसे में वाद-संवाद संसद के भीतर हों या संसद के बाहर, राष्ट्रसेवा का संकल्प, राष्ट्रहित के प्रति समर्पण लगातार झलकना चाहिए.

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किसान आंदोलन के बीच संदेश..?
आपको बता दें कि कृषि कानून का विरोध कर रहे पंजाब के किसानों ने पिछले दो हफ्ते से दिल्ली की सीमाओं को जाम कर दिया है.  किसान कृषि कानून वापस लेने को कह रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से संशोधनों का भरोसा दिया जा रहा है. कई दौर की बातचीत के बाद जब सरकार ने किसानों को लिखित संशोधन प्रस्ताव दिया. 

तो बीते दिन किसान संगठनों ने एकमुश्त तरीके से इन सुझावों को नकार दिया. किसानों ने कहा कि हमारी मांग सिर्फ तीनों कानूनों की वापसी है. जबकि सरकार की ओर से MSP, मंडी सिस्टम, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग समेत अन्य विषयों पर किसानों की समस्याओं के अनुरुप कुछ संशोधन किए गए थे. 

किसान मानेंगे सरकार की बात..?
किसानों की ओर से सरकारी प्रस्ताव ठुकराने के बाद गुरुवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इस दौरान कृषि मंत्री किसानों से आंदोलन वापस लेने की अपील कर सकते हैं, संशोधनों को स्वीकारने और बातचीत का रास्ता चालू रखने की अपील कर सकते हैं.
 
हालांकि, किसानों ने लगातार अपना सख्त रुख अपनाया है. आने वाले दिनों में आंदोलन तेज करते हुए कई नेशनल हाइवे को जाम करने, दिल्ली आने का रास्ता ब्लॉक करने, टोल को फ्री करने और बीजेपी नेताओं के विरोध की बात कही है. 

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