Advertisement

PM Modi Security Breach: पंजाब में PM मोदी की Security Breach पर वो पांच सवाल जिनके जवाब मिलने अभी बाकी हैं

PM Modi Security Breach: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में गंभीर चूक हुई. उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसा रहा. पीएम मोदी जिस जगह फंसे थे, वो पाकिस्तान सीमा से ज्यादा दूर नहीं थी. इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है, लेकिन कुछ सवाल भी खड़े होते हैं जिनके जवाब मिलना बाकी हैं.

पीएम मोदी फ्लाईओवर पर फंसे रहे. (फोटो-ANI) पीएम मोदी फ्लाईओवर पर फंसे रहे. (फोटो-ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST
  • 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे पीएम मोदी
  • डीजीपी ने रूट क्लियर होने का सिग्नल दिया था

PM Modi Security Breach: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को 'गंभीर चूक' हुई. इस कारण पीएम मोदी 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर फंसे रहे. गंभीर चूक इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी जिस फ्लाईओवर पर फंसे थे, वो पाकिस्तान की सीमा से बहुत ज्यादा दूर भी नहीं था. इतना ही नहीं, ये गंभीर चूक इसलिए भी है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इसे अपनी जान का खतरा बताया. उन्होंने पंजाब सरकार के अधिकारियों से कहा कि वो अपने सीएम को थैंक्स कहें क्योंकि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया. 

Advertisement

मिनटों तक फ्लाईओवर पर फंसे रहने के बाद प्रधानमंत्री मोदी बिना रैली किए ही वापस लौट आए. इस सुरक्षा चूक को लेकर राजनीति भी तेज है तो कई सवाल भी खड़े हैं. 

पहला सवालः रूट को ग्रीन सिग्नल किसने दिया?

गृह मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी सुबह बठिंडा एयरपोर्ट पर उतरे. उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक पहुंचना था. मौसम खराब होने से एयरपोर्ट पर पीएम ने 20 मिनट इंतजार किया. बाद में सड़क के रास्ते जाने का फैसला लिया गया. गृह मंत्रालय के मुताबिक, पंजाब पुलिस की डीजीपी ने रूट को ग्रीन सिग्नल दिया था, उसके बाद ही पीएम मोदी का काफिला सड़क के रास्ते रवाना हुआ. इतना ही नहीं, एक पायलट दल लगातार सड़क की निगरानी करता है. 

- सवालः केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पंजाब पुलिस की ओर से आश्वासन दिया गया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा और रास्ते में किसी तरह का गतिरोध नहीं है. क्या जानबूझकर झूठ बोला गया?

Advertisement

- सफाईः मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हेलिकॉप्टर से आने वाले थे लेकिन ऐन वक्त में सड़क से आए, इसलिए ये घटना हुई.

दूसरा सवालः काफिला फंसा तो इलाका खाली क्यों नहीं कराया गया?

गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी का काफिल राष्ट्रीय शहीद स्मारक से 30 किलोमीटर पहले एक फ्लाईओवर पर फंस गया. प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक दिया और सड़क जाम कर दी. कुछ वीडियो सामने आए हैं जिसमें लोग पीएम मोदी के काफिले को दिखा रहे हैं. यानी आम लोग प्रधानमंत्री मोदी के काफिले से ज्यादा दूर नहीं थे. सवाल उठता है कि अगर फ्लाईओवर पर काफिला फंस गया था तो आसपास के इलाके को खाली क्यों नहीं कराया गया? अगर पुलिस प्रदर्शनकारियों को नहीं हटा पाई तो 20 मिनट में अतिरिक्त फोर्स क्यों नहीं बुलाई गई?

- सवालः सड़कों को जिन प्रदर्शनकारियों ने ब्लॉक किया, वो प्यारेवाला और मिश्रीवाला गांव के थे. इंडिया टुडे को ग्राउंड रिपोर्ट से पता चला है कि किसान प्रदर्शनकारी दो दिन से यहां प्रदर्शन कर रहे थे.

- सफाईः मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि सरकार किसानों पर लाठीचार्ज का दबाव बना रही थी. उन्होंने कहा कि मैं पंजाब के लोगों के खिलाफ लाठी या गोली का इस्तेमाल नहीं करूंगा.

Advertisement

तीसरा सवालः डीजीपी-चीफ सेक्रेटरी काफिले के साथ क्यों नहीं थे?

अगर प्रधानमंत्री किसी राज्य का दौरा करने जाते हैं तो प्रोटोकॉल के तहत उस राज्य के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी उनका स्वागत करने जाते हैं. लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ. पीएम मोदी जब बठिंडा एयरपोर्ट पहुंचे तो उनका स्वागत करने के लिए वहां न तो डीजीपी थे और न ही चीफ सेक्रेटरी. इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री के काफिले के साथ डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी भी रहते हैं. लेकिन सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी के काफिले में डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी की गाड़ी तो थी लेकिन दोनों अधिकारी उसमें नहीं थे.

- सवालः बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया कि डीजीपी और सीएस की ओर से एसपीजी को रूट क्लियर होने का आश्वासन मिला था. सूत्रों ने बताया कि काफिले में डीजीपी और सीएस मौजूद नहीं थी. 

- सफाईः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस मामले पर राजनीति करने की बजाय एसपीजी, आईबी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.

चौथा सवालः इमरजेंसी रूट को लेकर पुलिस ने क्या तैयारी की थी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की होती है. लेकिन जब पीएम किसी राज्य के दौरे पर जाते हैं तो उस राज्य की पुलिस की भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है. गृह मंत्रालय का कहना है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था. उन्हें रसद और सुरक्षा के इंतजाम के साथ-साथ आकस्मिक योजना के लिए भी तैयारी करनी थी. गृह मंत्रालय के मुताबिक, डीजीपी ऑफिस से रूट क्लियर होने का सिग्नल मिलने के बाद ही पीएम मोदी का काफिला सड़क से निकला, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने रास्ता ब्लॉक कर रखा था. इससे पंजाब पुलिस पर सवाल खड़े होते हैं. क्या पुलिस ने इमरजेंसी रूट को लेकर कोई तैयारी नहीं की थी?

Advertisement

- सवालः प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले ही पूरा प्लान तैयार कर लिया जाता है. हर जगह पर पीएम को सुरक्षित निकालने के लिए कंटीन्जेंसी प्लान भी तैयार होता है. इसके अलावा एक वैकल्पिक रास्ता भी तय किया जाता है.

- सफाईः मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पीएम की रैली की सुरक्षा व्यवस्था वो खुद देख रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें हेलिकॉप्टर से यात्रा करनी थी. ऐेन मौके पर सड़क की योजना बनाई गई.

पांचवा सवालः प्रदर्शनकारियों को कैसे मिल रहा था दौरे का अपडेट?

तय कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी सड़क के रास्ते राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने ही नहीं वाले थे. उनके प्लान में अचानक बदलाव हुआ. प्रधानमंत्री मोदी सड़क से जाएंगे, इस बारे में डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी समेत राज्य के शीर्ष अधिकारियों को ही जानकारी थी. फिर भी पीएम मोदी जिस सड़क से निकलने वाले थे, उसे किसान प्रदर्शनकारियों ने ब्लॉक कर दिया था. ऐसे में सवाल उठता है कि प्रदर्शनकारियों को कैसे पता चला कि पीएम मोदी कि रूट से आ रहे हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारियों को पीएम मोदी के रूट में आने की इजाजत दी गई थी.

- सवालः केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पूरे मामले में पंजाब पुलिस मूकदर्शक बनी रही. जिन लोगों ने सुरक्षा को भंग किया, उन लोगों को प्रधानमंत्री की गाड़ी के पास तक किसने और कैसे पहुंचाया?

Advertisement

- सफाईः मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि हमने पीएमओ को बता दिया था कि प्रदर्शनकारियों ने रास्ता ब्लॉक कर रखा है. हमने प्रोग्राम कैंसिल करने की भी बात कही थी.

(इनपुटः मनजीत सहगल)

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement