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SCO समिट: इमरान के सामने बोले PM मोदी- कट्टरता से निपटना बड़ी चुनौती

ताजिकिस्तान में जारी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की बैठक में कई देश जुटे हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: PIB) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: PIB)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST
  • SCO समिट में पीएम मोदी का संबोधन
  • ताजिकिस्तान के दुशाम्बे में हो रहा है सम्मेलन
  • कट्टरता एक बड़ी चुनौती: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) देशों की बैठक को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने यहां कहा कि हमारे क्षेत्र के लिए कट्टरता बड़ी चुनौती है, अफगानिस्तान में हाल ही में जो हुआ वो इसका उदाहरण है. बता दें कि इस बार ये बैठक ताजिकिस्तान के दुशाम्बे में हो रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान ताजिकिस्तान को उनकी आजादी के 30 साल होने पर बधाई दी. पीएम मोदी ने ईरान, सऊदी अरब, मिस्र और कतर का SCO ग्रुप में शामिल होने पर स्वागत किया. पीएम मोदी ने कहा कि नए सदस्यों से हमारा ग्रुप और भी मजबूत हो रहा है. 

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'कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी चुनौती'

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती शांति-सुरक्षा से संबंधित है, अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इस चुनौती को स्पष्ट कर दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि SCO समिट को कट्टरता से निपटने के लिए कदम उठाने चाहिए, इस्लाम से जुड़ी जितनी भी संस्थाएं हैं उनसे संबंध बनाना चाहिए और आगे काम करना चाहिए. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने जो कैलेंडर प्रस्तावित किए हैं, उसपर काम जरूरी है. कट्टरता से लड़ाई, क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है और साथ ही युवाओं के भविष्य के लिए काफी ज़रूरी है. विकसित विश्व के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए हमें स्टेकहोल्डर बनना होगा.

'आपस में ओपनसोर्स साझा करना जरूरी'

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अपने यहां किए गए प्रयोगों को दुनिया के साथ साझा किया है, SCO देशों को अपने बीच भी ओपनसोर्स का आदान-प्रदान होना चाहिए. सेंट्रल एशिया की भूमिका काफी अहम रही है, इन देशों को भारत के बाजार से जुड़कर लाभ हो सकता है. 

पीएम मोदी बोले कि ईरान के चाबाहार पोर्ट में हमारा निवेश इसी वास्तविकता से प्रेरित है. कनेक्टविटी की कोई भी पहल वन-वे नहीं हो सकती है, इसको पारदर्शी होना जरूरी है जिसमें हर किसी की हिस्सेदारी है. 

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दुशाम्बे में ही मौजूद हैं विदेश मंत्री
 
अफगानिस्तान में जिस तरह के हालात हैं और वहां तालिबान (Taliban) की सरकार बनने को लेकर भी इस बैठक में अहम चर्चा हुई  है. भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले से ही दुशाम्बे में मौजूद हैं. 

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दुशाम्बे में ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की और कई मसलों पर दोनों देशों के बीच में चर्चा हुई. इसके अलावा एस. जयशंकर ने ईरान, अर्मेनिया और उजबेकिस्तान के मंत्रियों से भी यहां पर मुलाकात की. 

कौन-कौन होगा बैठक में शामिल?

आपको बता दें कि SCO ग्रुप में कुल आठ देश शामिल हैं, भारत और पाकिस्तान को साल 2017 में ही इस ग्रुप में जोड़ा गया है. इनमें चीन, कजाकिस्तान, कीर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं. 
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