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कश्मीर, अयोध्या, कट्टरता और पुलवामा...पढ़ें पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह राष्ट्रीय एकता के अग्रदूत थे. साथ ही पीएम मोदी ने केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का निरीक्षण किया और परेड की सलामी ली.

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST
  • सरदार पटेल ने सैकड़ों रियासतों को एक किया
  • कोरोना योद्धाओं के बलिदान को याद रखेगा देश
  • देश कभी पुलवामा हमले को भूल नहीं सकता- पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह राष्ट्रीय एकता के अग्रदूत थे. साथ ही पीएम मोदी ने केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का निरीक्षण किया और परेड की सलामी ली. इसके बाद पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सरदार पटेल के योगदान, कोरोना, कट्टरता, पुलवामा से लेकर कश्मीर के मसले तक का जिक्र किया.  

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प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों के नाम पर जयकारा लगवाया. पुलिस बेड़े के वीर बेटे-बेटों के नाम- भारत माता की जय. कोरोना के समय में सेवारत कोरोना वॉरियर्स के नाम- भारत माता की जय. आत्मनिर्भरता के संकल्प को पूरा करने में जुटे कोटि-कोटि लोगों के नाम- भारत माता की जय.

-पीएम मोदी ने कहा कि सभी देशवासियों को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. देश की सैकड़ों रियासतों को, राजे-रजवाड़ों को एक करके, देश की विविधता को आधार भारत की शक्ति बनाकर सरदार पटेल ने हिंदुस्तान को वर्तमान स्वरूप दिया.

-पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में हमने उनके जन्मदिवस को भारत की एकता के पर्व के रूप में मनाने की शुरुआत की थी. इन 6 वर्षों में देश ने गांव से लेकर शहरों तक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी ने एक भारत - श्रेष्ठ भारत के संकल्प को पूरा करने का प्रयास किया है.

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-प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भी अद्भुत संयोग है कि आज ही वाल्मीकि जयंती भी है. आज हम भारत की जिस सांस्कृतिक एकता का दर्शन करते हैं, जिस भारत को अनुभव करते हैं, उसे और जीवंत और ऊर्जावान बनाने का काम सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ही किया था. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के आदर्श, उनके संस्कार अगर आज भारत के कोने-कोने में हमें एक दूसरे से जोड़ रहे हैं तो इसका बहुत बड़ा श्रेय महर्षि वाल्मिकी को ही जाता है. राष्ट्र और मातृभूमि को सबसे बढ़कर मानने का महर्षि वाल्मीकि का जो मंत्र था, वही आज राष्ट्र प्रथम का मजबूत आधार है.

-प्रधानमंत्री ने इस मौके पर अयोध्या में राम मंदिर का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदार पटेल ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का जो यज्ञ शुरू किया था, उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है. देश राममंदिर पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले का साक्षी बना है, और भव्य राममंदिर को बनते भी देख रहा है.

पीएम ने कहा कि आज भारत की भूमि पर नजर गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों में है. आज भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है. अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह तैयार है.
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-कश्मीर के विकास में जो बाधाएं आ रही थीं, उन्हें पीछे छोड़कर अब कश्मीर विकास के नए मार्ग पर बढ़ चुका है. चाहे नॉर्थईस्ट में शांति की बहाली हो, या नॉर्थईस्ट के विकास के लिए उठाए जा रहे कदम, आज देश एकता के नए आयाम स्थापित कर रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की भूमि पर नजर गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों में है. आज भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है. अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह तैयार है.

-पीएम ने कहा कि प्रगति के इन प्रयासों के बीच, कई ऐसी चुनौतियां भी हैं जिसका सामना आज भारत, और पूरा विश्व कर रहा है. बीते कुछ समय से दुनिया के अनेक देशों में जो हालात बने हैं, जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वो आज वैश्विक चिंता का विषय है. पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है,उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है. अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है. 

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-प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें, ऐसी चीजों से बचें. अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देशविरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का.

 

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