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PM मोदी बोले- क्वालिटी-क्रेडिबिलिटी के स्तंभों पर मजबूत बनाना है ब्रांड इंडिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल का लोकार्पण किया. नेशनल एटॉमिक टाइमस्‍केल भारतीय मानक समय 2.8 नैनो सेकंड की सटीकता के साथ देता है.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST
  • पीएम मोदी ने किया नेशनल अटॉमिक टाइमस्केल का लोकार्पण
  • पीएम मोदी बोले- अब समय मापने में आत्मनिर्भर हुआ देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल का लोकार्पण किया. पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि देश के लिए नया साल अच्छी खबर के साथ शुरू हुआ है, देश के वैज्ञानिकों ने कोरोना वैक्सीन को तैयार कर लिया है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को अपने प्रोडक्ट को दुनिया में बेहतर साबित करना होगा. आत्मनिर्भर भारत में इसका ध्यान रखना जरूरी है, जिसमें प्रोडक्ट की क्वांटिटी के साथ-साथ क्वालिटी पर भी फोकस करना है. अगर दुनिया के किसी भी कोने में भारत का सामान जाए तो उसकी क्वालिटी की तारीफ होनी चाहिए.

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पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास आज अपना ही नेवीगेशन सिस्टम है. भारत उस स्थिति की ओर बढ़ रहा है, जहां इंडस्ट्री से अधिक कंज्यूमर का ध्यान रखा जाता है. भारत में अब अपने नए मानक तैयार हुए हैं, जिससे देश के उपभोक्ता को अच्छा सामान मिलेगा. 

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि जिस देश ने विज्ञान को आगे बढ़ाया, वही देश आगे बढ़ा है. भारत आज आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, तब विज्ञान की भूमिका बढ़ जाती है. पीएम मोदी ने कहा कि नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल के कारण इसरो के अलावा बैंकिंग, रेलवे, मौसम विभाग को मदद मिलेगी.

पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी समाज में रिसर्च काफी अहम है. देश 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है, 2047 में हमारी आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होंगे. हमें आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्पों को ध्यान में रखते हुए, नए मानकों, नए पैमानों, नई स्टैंडर्ड्स और न्यू बेंचमार्कस को घड़ने की दिशा में आगे बढ़ना ही है. 

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पीएम मोदी बोले कि एक छोटी सी रिसर्च कैसे दुनिया के गोल को बदल सकती  है, उसके बारे में सोचने की जरूरत है. भविष्य को ध्यान में रखते हुए युवाओं को इस ओर काम शुरू करना चाहिए. दुनिया की कई बड़ी कंपनियां भारत में अपने रिसर्च सेंटर को स्थापित कर रही हैं.

 

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