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कोरोना के बाद की दुनिया में हमको मजबूत प्लेयर के रूप में उभरना होगाः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जिन संस्कारों को लेकर हम पले-बढ़े हैं, वो हैं सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया. कोरोना कालखंड में भारत ने ये करके दिखाया है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें. ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST
  • 'विश्व के लिए आज हम आशा की किरण बनकर खड़े हुए'
  • 'हमारा हर पहल, हर प्रयास लोकतंत्र की भावना से भरा हुआ'
  • भारत की पहचान बनाने के लिए ये भी एक अवसरः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना के बाद की दुनिया में हमको मजबूत प्लेयर के रूप में उभरना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना संकट के समय 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने हमें आज बचा कर रखा है. 

लोकसभा में अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण भारत के 130 करोड़ भारतीयों की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित करता है. विकट और विपरीत काल में भी ये देश किस प्रकार से अपना रास्ता चुनता है, रास्ता तय करता है और रास्ते पर चलते हुए सफलता प्राप्त करता है, ये सब राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कही.

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उन्होंने कहा, 'मैं इस चर्चा में भाग लेने वाले सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं. मैं विशेष रूप से हमारी महिला सांसदों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं.' उन्होंने कहा कि देश जब आजाद हुआ, जो आखिरी ब्रिटिश कमांडर थे, वो आखिरी तक यही कहते थे कि भारत कई देशों का महाद्वीप है और कोई भी इसे एक राष्ट्र नहीं बना पाएगा, लेकिन भारतवासियों ने इस आशंका को तोड़ा. विश्व के लिए आज हम आशा की किरण बनकर खड़े हुए हैं.

हमने भ्रम भी तोड़ाः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग ये कहते थे कि इंडिया वाज ए मिरेकल डेमोक्रेसी, ये भ्रम भी हमने तोड़ा है. लोकतंत्र हमारी रगों और सांस में बुना हुआ है, हमारी हर सोच, हर पहल, हर प्रयास लोकतंत्र की भावना से भरा हुआ रहता है. उन्होंने कहा कि आज जब हम भारत की बात करते हैं तो मैं स्वामी विवेकानंद जी की बात का स्मरण करना चाहूंगा. हर राष्ट्र के पास एक संदेश होता है, जो उसे पहुंचाना होता है, हर राष्ट्र का एक मिशन होता है, जो उसे हासिल करना होता है, हर राष्ट्र की एक नियति होती है, जिसे वो प्राप्त करता है.

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कोरोना संकट से बचकर निकलने की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिन संस्कारों को लेकर हम पले-बढ़े हैं, वो हैं सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया. कोरोना कालखंड में भारत ने ये करके दिखाया है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें. ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है.

अनुशासन ने बचा लियाः पीएम मोदी

कोरोना के बाद के दौर के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे लिए संतोष और गर्व का विषय है कि कोरोना के कारण कितनी बड़ी मुसीबत आएगी इसके जो अनुमान लगाए गए थे कि भारत कैसे इस स्थिति से निपटेगा. ऐसे मैं ये 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने हमें आज बचा कर रखा है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद की दुनिया बहुत अलग तरह की होने जा रही है. हमें एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरना होगा. आज हिंदुस्तान के हर कोने में वोकल फॉर लोकल सुनाई दे रहा है. ये आत्मगौरव का भाव आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत काम आ रहा है. इसका गौरवगान हमें करना चाहिए. भारत की पहचान बनाने के लिए ये भी यह एक अवसर है.

 

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