
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज गुरुवार पांच देशों के समूह ब्रिक्स (BRICS) सालाना शिखर सम्मेलन हुआ. वर्चुअल तरीके से आयोजित इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि अध्यक्षता करना हमारे लिए खुशी की बात है. इस बीच सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया. तो सम्मेलन के समापन पर, ब्रिक्स नेताओं ने 'नई दिल्ली घोषणा' के तहत अफगानिस्तान संकट को शांतिपूर्ण तरीके से निपटने का आह्नान किया.
अफगानिस्तान संकट के समय आयोजित इस अहम बैठक में 'नई दिल्ली घोषणापत्र' के जरिए नेताओं ने देश में स्थिरता, नागरिक शांति, कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता के माध्यम से अफगानिस्तान में हिंसा से बचने और शांतिपूर्ण तरीके से स्थिति को निपटाने का आह्वान किया.
शिखर सम्मेलन में नेताओं ने आतंकवाद से लड़ने की प्राथमिकता को रेखांकित किया, जिसमें आतंकवादी संगठनों द्वारा अफगान क्षेत्र को आतंकवादी अभयारण्य के रूप में उपयोग करने और अन्य देशों के खिलाफ हमले करने के प्रयासों को रोकना शामिल है. उन्होंने मानवीय स्थिति को संबोधित करने और महिलाओं, बच्चों तथा अल्पसंख्यकों सहित मानवाधिकारों को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया.
चीन अगले साल ब्रिक्स के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेगा और 2022 में ब्लॉक के 14वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
डेढ़ दशक में ब्रिक्स के खाते में कई उपलब्धियांः PM मोदी
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा कि पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की है. आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज हैं. विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर इस समिट की अध्यक्षता करना मेरे और भारत के लिए खुशी की बात है. आज की इस बैठक के लिए हमारे पास विस्तृत एजेंडा है.
उन्होंने कहा, 'हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो. भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुना है, वह यही प्राथमिकता दर्शाता है- ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति की खातिर अंतर-ब्रिक्स सहयोग.'
ब्रिक्स सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका के जाने से नया संकट पैदा हो गया है. दुनिया के सामने सुरक्षा की चुनौतियां हैं. आतंक और नशे के कारोबार पर नियंत्रण जरुरी हो गया है. आतंकवाद पर नियंत्रण जरुरी है.
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का स्रोत के रूप में अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए.
हमने काउंटर टेरिरज्म एक्शन प्लान भी अडॉप्ट कियाः PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि यह भी पहली बार हुआ कि BRICS ने “मल्टीलिटरल सिस्टम्स (Multilateral systems) की मजबूती और सुधार” पर एक साझा पोजिशन ली. हमने ब्रिक्स “काउंटर टेरिरज्म एक्शन प्लान” भी अडॉप्ट किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में पहले “ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन” का आयोजन हुआ. तकनीक की मदद से हेल्थ एक्सेस बढ़ाने के लिए यह एक इनोवेटिव कदम है. नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ब्रिक्स के 13वें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. विदेश मंत्रालय के अनुसार, शिखर सम्मेलन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो भी शामिल होंगे.
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विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा, '2021 में ब्रिक्स की भारत की अध्यक्षता के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को डिजिटल प्रारूप में 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे.' यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. 2016 में उन्होंने गोवा में सम्मेलन की अध्यक्षता की थी. इस साल ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ है.
BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में दुनिया के 5 सबसे बड़े विकासशील देश हैं, जो वैश्विक आबादी के 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस बार शिखर सम्मेलन का विषय है: ‘ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति की खातिर अंतर-ब्रिक्स सहयोग.’