
देश में जारी टीकाकरण अभियान की प्रगति और कोविड-19 की ताजा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को समीक्षा बैठक की. पीएम मोदी ने इस सप्ताह के टीकाकरण की रफ्तार पर संतुष्टि जताते हुए इसकी गति कायम रखने पर जोर दिया है. इसके अलावा उन्होंने संक्रमण का पता लगाने और उसे रोकने के लिए जांच को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए, सभी हितधारकों को आगाह किया कि किसी भी सूरत में जांच की गति कम नहीं होनी चाहिए.
पीएम ने इस अभियान में गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और अन्य संगठनों को शामिल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. पीएम मोदी शनिवार को टीकाकरण अभियान की प्रगति पर शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे.
समीक्षा बैठक के बाद सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि पिछले छह दिनों में टीके की 3.77 करोड़ खुराक दी गई. देश के 128 जिलों में 45 वर्ष से अधिक की आबादी के 50 प्रतिशत से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया है और 16 जिलों में इस आयु वर्ग के 90 प्रतिशत से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा, 'छह दिनों में 3.77 करोड़ खुराक दी गई जो मलेशिया, सऊदी अरब और कनाडा जैसे देशों की पूरी आबादी से अधिक है.'
पीएम मोदी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ काम करने का भी निर्देश दिया कि जांच की गति कम न हो क्योंकि यह संक्रमण का पता लगाने और इसे रोकने के लिए महत्त्वपूर्ण हथियार है.
अधिकारियों ने प्रधानमंत्री से कहा कि वे लोगों तक टीकाकरण को पहुंचाने के लिए नए तरीकों का पता लगाने और उन्हें लागू करने के लिए राज्य सरकारों के संपर्क में हैं. पीएमओ ने बताया कि मोदी को वैश्विक स्तर पर कोविन मंच में बढ़ती दिलचस्पी के बारे में भी बताया गया.
देश के कई राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद केंद्र और राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं. सरकार की कोशिश जल्द से जल्द बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन का टीका लगाने की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग दिवस के दिन से सभी लोगों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन लगाने की घोषणा की थी. इसके बाद से वैक्सीन अभियान में तेजी आई है.
अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट पर समीक्षा
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट को लेकर बैठक की. करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में पीएम मोदी के सामने अयोध्या के विकास कार्यों का विजन डॉक्यूमेंट रखा गया और इस पर चर्चा भी हुई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अयोध्या को इस तरह से विकसित किया जाए कि हर किसी को अपने जीवन में कम से कम एक बार अयोध्या आने की इच्छा महसूस हो.
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कोरोनाकाल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस मीटिंग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा समेत कई अधिकारी सीएम हाउस से ही जुड़े. इनके अलावा प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, सिंचाई मंत्री महेंद्र सिंह और अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह भी बैठक में शामिल हुए.
साथ ही चीफ सेक्रेटरी, पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव, नगर विकास के अपर मुख्य सचिव समेत कई विभागों के अधिकारी भी जुड़े थे.
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "अयोध्या को एक ऐसा शहर बताया जो हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना में बसा है, इसलिए इसमें परंपराओं की झलक दिखनी चाहिए. अयोध्या आध्यात्मिक शहर है, इसलिए इसका भविष्य का बुनियादी ढांचा ऐसा होना चाहिए, जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के साथ-साथ सभी के लिए फायदेमंद है."