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हीरानंदानी के एफिडेविट पर महुआ मोइत्रा का आरोप- 'PMO ने दर्शन को दस्तखत करने के लिए किया मजबूर'

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने दावा किया कि यह ना तो आधिकारिक लेटरहेड पर है और ना ही नोटरीकृत है. महुआ ने सीधे तौर पर पीएमओ की भूमिका का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, इस लेटर का ड्राफ्ट पीएमओ ने भेजा और उनसे (दर्शन) इस पर दस्तखत करने के लिए दबाव बनाया गया. महुआ का कहना था कि यह पत्र पूरी तरह से अतार्किक है.

TMC सांसद महुआ मोइत्रा. (File Photo- PTI) TMC सांसद महुआ मोइत्रा. (File Photo- PTI)
इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 20 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 6:54 AM IST

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के सनसनीखेज आरोपों पर टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा विवादों में हैं. इस बीच, गुरुवार को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी का एक हलफनामा सामने आया है. जिसमें उन्होंन खुलासा किया कि महुआ मोइत्रा ने उनसे संसद की अपनी लॉगिन आईडी और पासवर्ड शेयर किया था ताकि मैं उनकी तरफ से सवाल पोस्ट कर सकूं. हीरानंदानी के इस दावे पर महुआ मोइत्रा भी सामने आई हैं और हलफनामे की प्रमाणिकता पर ही सवाल उठाए हैं. महुआ ने कहा, यह ना तो आधिकारिक लेटरहेड पर है और न ही नोटरीकृत है.

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बताते चलें कि व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने गुरुवार को संसद की एिथिक्स कमेटी के सामने एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें कई तरह के दावे किए गए और महंगे गिफ्ट लिए जाने का जिक्र किया है. हीरानंदानी का हलफनामा सामने आने के तुरंत बाद महुआ मोइत्रा ने अपना बयान जारी किया. उन्होंने व्यवसायी के हलफनामे की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया.

'निशिकांत ने सवाल के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया'

दरअसल, यह मामला बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के दावे के बाद गरमा गया है. दुबे ने स्पीकर से शिकायत की थी कि टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत ली है. दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला दिया था और दावा किया था कि उनके पास मजबूत सबूत हैं कि मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत का आदान-प्रदान हुआ है.

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'निशिकांत और उनके वकील को नोटिस'

मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में सवाल पूछने के लिए 'रिश्वत' लेने के आरोपों पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को कानूनी नोटिस भेजा. उन्होंने कहा, मुझ पर यह आरोप लगाए गए कि लोकसभा सदस्य के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए मैंने किसी भी प्रकार का कोई लाभ लिया है. ये आरोप अपमानजनक, झूठे और आधारहीन हैं. इसका कोई भी सबूतों नहीं है.

'राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित होना चाहती थीं महुआ'

इससे पहले हीरानंदानी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया था और कहा था, वो राजनीति के बिजनेस में शामिल नहीं है. हालांकि, गुरुवार को दर्शन हीरानंदानी ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा राष्ट्रीय स्तर पर जल्दी से अपना नाम बनाना चाहती थीं और उन्हें उनके दोस्तों और एडवाइजर्स ने सलाह दी कि फेमस होने का सबसे छोटा रास्ता पीएम नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला करना है.

'मुझसे आईडी-पासवर्ड शेयर किया गया'

हीरानंदानी ने दावा किया कि मोइत्रा ने अडानी को निशाना बनाकर प्रधानमंत्री को बदनाम और शर्मिंदा करने का प्रयास किया है. हीरानंदानी ने कहा, उन्होंने सांसद के रूप में अपनी ईमेल आईडी मेरे साथ शेयर की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वो संसद में सवाल उठा सकें. 

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'मुझसे गिफ्ट लिए, मदद मांगी गई'

उन्होंने दावा किया कि महुआ मोइत्रा ने मुझसे लगातार मांगें कीं और मुझसे कई तरह की मददें मांगी. जो मांगें की गईं और जो मदद मांगी गईं, उनमें महंगी विलासिता की वस्तुएं गिफ्ट में देना, उनके आधिकारिक रूप से आवंटित बंगले के नवीनीकरण में मदद करना, छुट्टियां, यात्रा व्यय आदि शामिल है. हीरानंदानी ने आगे दावा किया कि मुझे लगा है कि मोइत्रा उनका 'अनुचित फायदा' उठा रही हैं और उन पर काम करने के लिए 'दबाव' डाल रही हैं. 

हीरानंदानी ने कहा, वो हलफनामा दाखिल कर रहे हैं क्योंकि मामला सीधे तौर पर उनसे जुड़ा है और यह एक राजनीतिक विवाद बन गया है. मामला अब संसदीय विशेषाधिकार समिति और न्यायपालिका के सामने रखा गया है.

'महुआ मोइत्रा ने किया पलटवार, उठाए सवाल'

महुआ मोइत्रा ने एक्स पर अपना बयान जारी किया है. उन्होंने हलफनामे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए और कहा कि यह आरोप व्हाइट पेपर पर हैं, ना कि आधिकारिक लेटरहेड या नोटरीकृत पत्र में लगाए गए हैं. उन्होंने कहा, पत्र (शपथपत्र) का कंटेंट एक मजाक है. महुआ मोइत्रा ने आगे दावा किया कि हलफनामा प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा उन्हें निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है. उन्होंने अपने पत्र में दावा किया, बीजेपी सरकार अडानी मुद्दे पर किसी तरह मुझे चुप कराने का बेसब्री से इंतजार कर रही है. मोइत्रा ने यह भी कहा कि दर्शन हीरानंदानी को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया है.

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'पीएमओ ने तैयार किया पत्र का ड्राफ्ट'

उन्होंने कहा, इतना धनी, सफल व्यवसायी, जिसकी हर मंत्री और पीएमओ तक सीधी पहुंच है, उसे पहली बार के विपक्षी सांसद द्वारा गिफ्ट देने और उसकी मांगों को पूरा करने के लिए क्यों मजबूर किया जाएगा? यह पूरी तरह से अतार्किक है और सिर्फ इस सच्चाई को पुख्ता करता है कि इस पत्र का मसौदा दर्शन हीरानंदानी ने नहीं, बल्कि पीएमओ ने तैयार किया है.

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