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एंटीगुआ की नागरिकता को लेकर कोर्ट पहुंचा मेहुल चोकसी, 2027 तक भारत लाना मुश्किल

मेहुल चोकसी की कैरेबियाई राष्ट्र के निवेश कार्यक्रम (सीआईपी) के तहत मिली एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता पर संकट मंडरा रहा है. हालांकि, मेहुल चोकसी कोर्ट चला गया है.

मेहुल चोकसी (फाइल फोटो) मेहुल चोकसी (फाइल फोटो)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST
  • वकील का दावा- रद्द नहीं हुई है मेहुल की नागरिकता
  • एंटीगुआ PMO ने कहा- 2027 तक चल सकता है केस

पीएनबी घोटाले में अब मेहुल चोकसी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. मेहुल चोकसी की कैरेबियाई राष्ट्र के निवेश कार्यक्रम (सीआईपी) के तहत मिली एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता पर संकट मंडरा रहा है. हालांकि, मेहुल चोकसी कोर्ट चला गया है. इससे पहले मेहुल चोकसी के भांजे भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्यपर्ण पर ब्रिटेन ने हरी झंडी दे दी थी.

नागरिकता को लेकर मेहुल चोकसी ने कोर्ट का रुख किया है. माना जा रहा है कि उसकी अर्जी पर 2027 तक सुनवाई चलेगी. एंटीगुआ और बारबुडा प्रधानमंत्री ऑफिस के चीफ ऑफ स्टाफ लियोनेल हर्स्ट ने कहा कि इस मामले को हल होने में लगभग 7 साल लगेंगे. अभी मामला कोर्ट ऑफ अपील्स में जाएगा, फिर लंदन में प्रिवी काउंसिल अंतिम न्यायालय है.

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यानी मेहुल चोकसी की 2027 से पहले भारत वापसी मुश्किल है. उसे भारत वापस लाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत कई भारतीय एजेंसियां लगी हुई हैं.

वकील का दावा- नहीं रद्द हुई नागरिकता
मेहुल चोकसी की नागरिकता के खत्म किए जाने की रिपोर्टों पर उनके वकील विजय अग्रवाल ने कहा है कि मेरे क्लाइंट मेहुल चोकसी ने साफ किया है कि वह एंटीगुआ के नागरिक हैं, उनकी नागरिकता रद्द नहीं हुई है.

एंटीगुआ के PM ने मेहुल को बताया था बदमाश
एंटीगुआ ऑब्जर्वर की जून 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने मेहुल चोकसी को 'बदमाश' बताते हुए कहा था कि उसकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी क्योंकि उसने सीआईपी की प्रतिष्ठा छवि धूमिल कर दी थी. गौरतलब है कि सीआईपी कार्यक्रम के तहत एंटीगुआ अपने यहां निवेश करने वालों को नागरिकता देता है.

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जानिए कैसे मिलती है एंटीगुआ की नागरिकता
एंटीगुआ के CIU (सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट यूनिट) द्वारा चलाया जाने वाला CIP किसी ऐसे व्यक्ति को नागरिकता देने की अनुमति देता है, जो 200,000 डॉलर का निवेश करे. इसी सीआईपी कार्यक्रम के तहत मेहुल चोकसी को एंटीगुआ ने अपनी नागरिकता दी थी, लेकिन भारत में दर्ज उसके मामलों को देखते हुए मेहुल की नागरिकता पर संकट है.

नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का रास्ता हुआ साफ
इस बीच बिट्रेन की एक अदालत में नीरव मोदी के भारत को प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया है. हालांकि तकनीकी पेंच-ओ-खम की वजह से नीरव के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार है, लेकिन इतना तय हो चुका है कि होम सेक्रेटरी के पास भेजे गए मामले में भी उसे राहत नहीं मिलने वाली है.

क्या है पूरा मामला
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में करीब 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी की है. यह धोखाधड़ी गारंटी पत्र के जरिए की गई. इस धोखाधड़ी के बाद नीरव मोदी लंदन और मेहुल चोकसी एंटीगुआ भाग गया. 


 

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