
कनाडा के पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने किसान आंदोलन को लेकर किसी भी प्रकार की हिंसा फैलाने की बात से इनकार किया है. दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की जांच में इस संगठन का नाम सामने आया था.
अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट करने के मामले में पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने बयान जारी किया है. इस संगठन का कहना है कि संगठन ने दिल्ली में प्रदर्शन के लिए कोई समन्वय नहीं किया और न ही उसने रिहाना या ग्रेटा अथवा अन्य हस्तियों से ट्वीट करने के लिए संपर्क किया.
पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने कहा कि संगठन 26 जनवरी को भारत में या लालकिले पर प्रदर्शन में शामिल नहीं था और न ही संगठन ने किसी प्रकार का ट्वीट करने के लिए किसी को भुगतान किया था. हालांकि संगठन किसानों के मसले को दुनियाभर में उठाने को प्रोत्साहित करता है.
टूलकिट तैयार करने का आरोप
दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्राथमिक जांच में पाया गया था कि खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने टूलकिट तैयार किया था. पुलिस को शक है कि ग्रेटा थनबर्ग ने जो टूलकिट डॉक्यूमेंट ट्वीट किया था, वो पोएटिक फ़ॉर जस्टिस ग्रुप ने ही तैयार किया था.
सूत्रों के मुताबिक टूलकिट डॉक्यूमेंट को पोएटिक फॉर जस्टिस ग्रुप ने तैयार किया था. पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच कर रही है. पोएटिक फॉर जस्टिस के को-फाउंडर एमओ धालीवाल पर भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर है.