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दिवाली से पहले कैसा रहा दिल्ली की हवा का हाल, सोमवार को 'बहुत खराब' होगा AQI

दिवाली से एक दिन पहले प्रदूषण का जो आंकड़ा है वो 7 साल में सबसे कम दर्ज किया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 259 दर्ज किया गया. बता दें कि 201 से 300 के बीच का AQI 'खराब' श्रेणी में आता है.

सोमवार को राजधानी में 'बहुत खराब' होगा AQI (फाइल फोटो) सोमवार को राजधानी में 'बहुत खराब' होगा AQI (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST

देशभर में दिवाली के पावन पर्व की शुरुआत हो चुकी है. अक्सर इस समय पर प्रदूषण का मुद्दा तूल पकड़ लेता है. पटाखों को लेकर भी चर्चा तेज हो जाती है. हालांकि दिल्ली-NCR में दिवाली पर प्रदूषण पर कंट्रोल पाने के लिए ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं. नतीजतन दिवाली से एक दिन पहले प्रदूषण का जो आंकड़ा था वो 7 साल में सबसे कम था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 259 दर्ज किया गया.

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देशभर में सोमवार को दिवाली मनाई जाएगी. बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा, 51 और 100 'संतोषजनक', 101 और 200 'मध्यम', 201 और 300 'खराब', 301 और 400 'बहुत खराब', और 401 और 500 'गंभीर' माना जाता है. 

कुछ ऐसा है पुराना रिकॉर्ड

पिछले साल 3 नवंबर (दीवाली से एक दिन पहले) को एक्यूआई 314 था. दिवाली के दिन यह 382 और अगले दिन 462 हो गया था. इससे पहले साल 2020 में, दिल्ली ने दिवाली (13 नवंबर) से एक दिन पहले 296 का एक्यूआई दर्ज किया, जबकि दिवाली पर यह 414 और एक दिन बाद 435 हो गया.

इससे भी एक साल पहले साल 2019 में त्योहार से एक दिन पहले राजधानी ने 287 का एक्यूआई दर्ज किया. यह दिवाली (27 अक्टूबर) को 337 और अगले दिन 368 हो गया. 2018 में दिवाली से एक दिन पहले AQI 338 था. दिलचस्प बात यह है कि दिवाली के दिन यह बढ़कर 281 हो गया और अगले दिन बढ़कर 390 हो गया.

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CPCB के आंकड़ों से पता चलता है कि 2017 और 2016 में दिवाली से एक दिन पहले एक्यूआई 302 और 404 था.

सोमवार को 'बहुत खराब' होगी दिल्ली की हवा

बताते चलें कि राजधानी में हवा की गुणवत्ता सोमवार की सुबह 'बहुत खराब' होने की भविष्यवाणी की गई है, जबकि पटाखों से उत्सर्जन और अनुकूल हवा के कारण पराली जलाने से धुएं के हिस्से में बढ़ोतरी के कारण मंगलवार को यह 'गंभीर' श्रेणी तक खराब हो सकती है.

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी सफर ने कहा कि पटाखे न फोड़ने पर भी हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर तक बिगड़ सकती है. अगर पिछले साल की तरह पटाखे फोड़ते हैं, तो दिवाली की रात में ही हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर तक गिर सकती है और एक और दिन 'रेड' जोन में बनी रह सकती है.

प्रदूषण में पराली का कितना योगदान?

दिल्ली के PM2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान अब तक धीमी परिवहन-स्तर की हवा की गति के कारण कम (5 प्रतिशत तक) रहा है. सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा, सोमवार दोपहर से परिवहन स्तर की हवा की दिशा और गति बहुत अनुकूल होने की संभावना है. यह 25 अक्टूबर को दिल्ली के PM2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15-18 प्रतिशत कर देगा और हवा की गुणवत्ता को निम्न स्तर पर 'गंभीर' श्रेणी में धकेल देगा.

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पिछले साल दिवाली पर दिल्ली के PM2.5 प्रदूषण में धान के पराली जलाने से 25 प्रतिशत प्रदूषण हुआ था. दिल्ली के प्रदूषण में खेत की आग से निकलने वाले धुएं का हिस्सा 2020 में 32 प्रतिशत और 2019 में 19 प्रतिशत था.

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