
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के औरंगजेब की तारीफ पर बयान दिए जाने से बवाल मच गया. बीजेपी ने आपत्ति जताई और विरोध किया तो कई नेता ऐसे भी सामने आए, जो अबू आजमी के बयान को सही ठहराते देखे गए. इनमें कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का नाम भी शामिल है. सांसद इमरान मसूद ने बयान दिया कि औरंगजेब महान था और औरंगजेब के शासन काल में भारत की जीडीपी पूरी दुनिया में शीर्ष पर थी.
औरंगजेब को लेकर ये सारा विवाद छावा फिल्म से शुरू हुआ. ये फिल्म 14 फरवरी को रिलीज हुई थी. फिल्म में दिखाया गया है कि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिन तक भयानक यातनाएं देने के बाद उनकी क्रूरता से हत्या कर दी थी और उनकी पत्नी और बेटे को बंधक बना लिया था. छत्रपति संभाजी महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे.
समर्थन में क्या बोले इमरान मसूद?
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, जो इतिहास में लिखा है, उसको मिटा नहीं सकते हैं. एक फिल्म बनाकर इतिहास को मिटा नहीं सकते. लोगों को सही ज्ञान मिलना चाहिए. औरंगजेब इस देश का 49 साल बादशाह रहा. वो आतताई कैसे हो सकता है. उसके राज्य के अंदर जीडीपी कहां थी. औरंगजेब हिंदुस्तान का बादशाह था. कैलाश मानसरोवर को किसने विजय कराया. बर्मा तक अखंड भारत किसने बनाया? यह सब औरंगजेब के जमाने में था.
उन्होंने आगे कहा, आज मुगलों के वंशज बर्तन मांज कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. यहीं पैदा हुए. यहीं इस मिट्टी में खत्म हो गए. वो अंग्रेज थे जो लूट कर चले गए. बहादुर शाह जफर के दोनों बच्चों का कत्ल इसलिए किया क्योंकि उसने आत्मसमर्पण नहीं किया था. नफरत से बीजेपी इस देश को कहां लेकर जाएगी. नफरत की राजनीति से देश का नुकसान होगा. 25 करोड़ लोगों को साइड लाइन नहीं कर सकते.
दानिश अली- वो उनका स्टाइल था
कांग्रेस नेता दानिश अली ने कहा, औरंगजेब देश का इतिहास है और इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता. अच्छा या बुरा, इतिहास तो इतिहास है. हर राजा महाराजा का अपना स्टाइल होता था काम करने का. सत्ता हासिल करने के लिए वो लोग कुछ भी करते थे. उसको राजा महाराजा की कार्यशैली की तरह देखना चाहिए. किसी मजहब के साथ नहीं जोड़ना चाहिए.
'सिर्फ औरंगजेब ही टारगेट क्यों?'
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, मैं अबू आजमी के बयान का समर्थन करता हूं. अबू आजमी कुछ गलत नहीं बोले हैं. औरंगजेब ने मस्जिद भी तोड़ी थी. राजा लोग तो करते ही थे एक-दूसरे को प्रताड़ित. बड़े राजा छोटे को प्रताड़ित करते थे. सिर्फ एक राजा को टारगेट करना गलत है. हिंदू में भी क्रूर राजा हुए. सिर्फ औरंगजैब को ही टारगेट क्यों?
'लेकिन उसने मंदिरों को पैसे भी दिए'
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, औरंगजेब बुरे थे या अच्छे थे. 500 साल के बाद हमारे भारत में क्या प्रासंगिकता है. इसी पर राजनीति हो रही है. औरंगजेब पर आरोप है कि उसने मंदिर तुड़वाए लेकिन उसने मंदिरों को पैसे भी दिए. क्या बीजेपी ने गुजरात में मंदिर नहीं तुड़वाए? BJP ने मंदिर और मस्जिद दोनों तुड़वाए.
AIMIM नेता ने क्या कहा
AIMIM के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने कहा, ये तमाम राजनीतिक पार्टियों का पसंदीदा टॉपिक हो गया है ताकि वो साबित कर सकें कि वो कितने देशभक्त हैं. अबू आजमी बीजेपी से सुपारी लेकर बयान देते हैं. 400 साल पुराना मुद्दा उठाकर दूसरे अहम मुद्दों से ध्यान भटका दिया. अबू आजमी बीजेपी के इशारों पर काम कर रहे हैं.
एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, हमने उनके बयान की निंदा की है. उन्हें बयान की कीमत चुकानी पड़ेगी और महाराष्ट्र की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए. हमने उन्हें (सदन से) निलंबित करने की अपनी मांग रख दी है. विधानसभा में शिंदे ने कहा, यह पहली बार नहीं है कि वो औरंगजेब के बारे में अच्छी बातें कह रहे हैं. हमने उनके बयान की निंदा की. इससे पहले भी उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कुछ आपत्तिजनक बयान दिए थे. उन्होंने जानबूझकर छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान किया. संभाजी महाराज ने स्वराज्य के लिए अपना बलिदान दिया. अबू आज़मी देशद्रोही हैं. उन्हें इस सदन में बैठने का कोई अधिकार नहीं है. औरंगजेब ने संभाजी महाराज को 40 दिनों तक बंदी बनाकर रखा. उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज के नाखून और जीभ छीन ली. यहां तक कि उन्होंने संभाजी महाराज को यातना देने के लिए उनके शरीर पर नमक भी डाला. इस बर्बरता के बाद भी संभाजी महाराज ने इस्लाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया. अंत में मैं यही कहना चाहता हूं कि देश-धर्म पर मिटने वाला शेर शिवा का छावा था, महापराक्रमी परमप्रतापी एक ही शंभू राजा था.
पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी शिवसेना
शिवसेना ने कहा, छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान करने वाले बयानों के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. पार्टी ने मांग की है कि समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए और औरंगजेब का महिमामंडन करने के लिए उन्हें विधानसभा से निलंबित किया जाए.
नवनीत राणा ने क्या कहा
बीजेपी नेता नवनीत राणा ने कहा, जिस राज्य की विधानसभा में आप 5 साल बैठने के लिए चुने गए हैं, उस पर छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का शासन था. आप जैसे लोगों को 'छावा' फिल्म देखनी चाहिए कि औरंगजेब ने हमारे राजा के साथ क्या किया. मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करना चाहती हूं कि जिस तरह से औरंगाबाद का नाम बदलकर हमारे भगवान संभाजी महाराज के नाम पर रखा गया, उसी तरह औरंगजेब की कब्र को भी तोड़ दिया जाना चाहिए.
सुधांशु त्रिवेदी बोले- ऐसे शासक की प्रशंसा क्यों?
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, मैं तीन बातें कहना चाहता हूं. 6 अप्रैल 1669 को औरंगजेब ने हिंदू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया और फिर 2 सितंबर 1669 को उसके आदेश का पालन किया गया. ऐसे शासक की प्रशंसा क्यों? क्या यह छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान का क्रूर मज़ाक नहीं है? तीसरा, अपने ही भाइयों को मारने वाले और अपने पिता को कैद करने वाले व्यक्ति का महिमामंडन क्यों किया जाना चाहिए? औरंगजेब का भारत की धरती से क्या रिश्ता है और समाजवादी पार्टी और कांग्रेस देश में नफरत के बीज क्यों बोना चाहती है?
यूपी के डिप्टी सीएम क्या बोले...
UP के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, देश विरोधी जितनी भी ताकतें हैं, वो SP के संरक्षण में फलती फूलती हैं. इनके ऊपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मुगल आक्रांताओं ने देश की संस्कृति को छिन्न-भिन्न करने का काम किया है, लेकिन भारतीय संस्कृति ने दुनिया को रास्ता दिखाने का काम किया है.
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, सपा के अंदर औरंगजेब की आत्मा घुस गई है. अखिलेश जी को माफी मांगकर अबू आजमी पर कार्रवाई करनी चाहिए. सपा का समाप्तवादी पार्टी बनना आवश्यक है. देश शिव जी का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा. महाराष्ट्र और UP के लोग इसका जवाब देंगे.
अबू आजमी ने क्या कहा था?
सपा नेता अबू आजमी ने कहा था कि मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता. उस दौर में सत्ता संघर्ष राजनीतिक थे, धार्मिक नहीं. औरंगजेब की सेना में कई हिंदू थे, जैसे छत्रपति शिवाजी की सेना में कई मुस्लिम थे. औरंगजेब एक क्रूर शासक नहीं था और उसने कई मंदिरों का निर्माण कराया था. जो लोग ये दावा करते हैं कि छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच हिंदू और मुसलमान की लड़ाई थी, वो लोग झूठ बोल रहे हैं. इस बयान पर विवाद बढ़ा तो अबू आजमी के खिलाफ FIR दर्ज हो गई. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आजमी की विधानसभा की सदस्यता को रद्द करने की मांग की.
सफाई में क्या बोले अबू आजमी?
इस विवाद के बाद अबू आजमी ने भी अपने इस बयान के लिए माफी मांग ली. अबू आजमी ने सफाई दी और कहा, मैं छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ बोलने के बारे में सोच भी नहीं सकता. मैं इतना बड़ा नहीं हूं. मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है. औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है. मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है, लेकिन फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं. इस बात को राजनितिक मुद्दा बनाया जा रहा है और इसकी वजह से महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र को बंद करना मैं समझता हूं कि यह महाराष्ट्र की जनता का नुकसान करना है.
उन्होंने एक अन्य बयान में कहा, मैंने असम के सीएम द्वारा राहुल गांधी की तुलना औरंगजेब से करने पर प्रतिक्रिया दी थी. कई इतिहासकारों ने औरंगजेब के बारे में लिखा है और मैंने उन चीजों को ही दोहराया है. इन किताबों पर अभी भी प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. उन इतिहासकारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो यह मुद्दा क्यों बनाया गया है. जबकि मैंने वही कहा जो पहले ही लिखा जा चुका है. देश में मुसलमानों के खिलाफ कई चीजें चल रही हैं. वे (बीजेपी नेता) जितना मुसलमानों के खिलाफ बात करते हैं, उतना ही उनका वोट बैंक बढ़ता है. सरकार में बैठे लोग मेरे खिलाफ नफरत फैला रहे हैं. मुझे काफी गालियां मिल रही हैं और अगर मेरे साथ कुछ होता है तो यह सरकार की जिम्मेदारी है. मैं अपना बयान इसलिए वापस नहीं ले रहा हूं क्योंकि यह गलत था, बल्कि इसलिए कि लोगों को गलत तरीके से मेरे खिलाफ भड़काया गया है.