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कांग्रेस ने खुद की थी मांग? पूर्व CEC ने गिनाए आधार-वोटर कार्ड लिंकिंग के फायदे

द हिंदू की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी सूत्रों से पता लगा है कि राजनीतिक दलों जिसमें कांग्रेस भी शामिल थी, उन्होंने वोटर कार्ड को आधार से जोड़े जाने की मांग की थी. 

विपक्ष ने संसद में इस बिल का कड़ा विरोध किया था विपक्ष ने संसद में इस बिल का कड़ा विरोध किया था
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST
  • आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने पर किसी भी व्यक्ति की पहचान आसानी से सत्यापित हो सकेगी
  • नकली मतदाताओं को सूची से हटाने में मदद मिलेगी'.

संसद से चुनाव सुधार बिल (Election Laws (Amendment) Bill 2021) पास कर दिया गया. इस बिल के तहत आने वाले समय में वोटर कार्ड को आधार नंबर से जोड़ा जाएगा. सरकार इसे बड़ा चुनाव सुधार बताते हुए दावा कर रही है कि वोटर आईडी से आधार को जोड़कर फर्जी वोटरों को रोका जा सकेगा. 

विपक्ष ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है. संसद में बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष के तेवर देखने लायक थे. लेकिन द हिंदू की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी सूत्रों से पता लगा है कि राजनीतिक दलों जिसमें कांग्रेस भी शामिल थी, उन्होंने वोटर कार्ड को आधार से जोड़े जाने की मांग की थी. 

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कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने की थी मांग

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग ने 27 अगस्त, 2018 को चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी. उस बैठक के बाद, चुनाव आयोग ने जो बयान जारी किया था उसमें कहा गया था कि 'राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से बेहतर मतदाता सूची प्रबंधन के लिए, आधार संख्या को मतदाताओं के विवरण से जोड़ने का आग्रह किया.' विधानसभा चुनावों से पहले, अप्रैल 2018 में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ बैठक में, फर्जी वोटरों के बारे में बताते हुए मतदाताओं की सूची को फिर से वैरिफाई करने की मांग की थी.

पूर्व CEC ने आधार-वोटर कार्ड लिंकिंग के फायदे बताए

वोटर कार्ड को आधार से जोड़ना क्यों ज़रूरी है और इसके क्या फायदे हैं. इसपर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) हरि शंकर ब्रह्मा ने अपने विचार वयक्त किए हैं. संसद में पारित चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 पर केंद्र के निर्णय का स्वागत करते हुए, उनका कहना है कि आधार कार्ड को वोटर कार्ड से जोड़ने से मतदाता सूची में बड़ी संख्या में नकली और फर्जी मतदाताओं का पता लगेगा. साथ ही, उन फर्जी वोटों को हटाने में मदद मिलेगी. 

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उन्होंने कहा, 'यह एक बहुत अच्छा विचार है. वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना देश के हित में है. इससे आप डुप्लिकेट वोट और फर्जी वोटर आईडी कार्ड का पता लगा सकते हैं और उन्हें मतदाता सूची से हटा सकते हैं. इससे, चुनाव डेटाबेस साफ हो जाएगा. पहले हुए चुनावों में कई आरोप लगे थे कि कई नकली नाम, गैर-भारतीय लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल थे. असम में, गैर-भारतीय लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल थे. आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने से नकली मतदाताओं को सूची से हटाने में मदद मिलेगी'.

उन्होंने यह भी कहा कि इससे नए मतदाताओं के नामांकन में आसानी होगी. उन्होंने कहा, 'आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने से लोगों को तब मदद मिलेगी, जब वे एक शहर से दूसरे शहर जाएंगे और अपना वोट वहां डालना चाहेंगे. जगह बदलने पर मतदान का पता बदलने में लोगों का आसानी होगी.' उन्होंने यह भी कहा कि आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने पर किसी भी व्यक्ति की पहचान आसानी से सत्यापित हो सकेगी. इससे चुनाव को सुचारू रूप से संपन्न कराने में मदद मिलेगी.
 
2012 में हरि शंकर ब्रह्मा ने वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रस्ताव दिया था ताकि डुप्लीकेट और नकली वोटर कार्ड को हटाया जा सके. असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अपडेशन प्रक्रिया के बारे में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि एनआरसी को भी आधार से जोड़ा जाना चाहिए.

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