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मणिपुर पर सियासत तेज, BJP ने पी चिदंबरम को घेरा, कांग्रेस ने पूछे 4 सवाल

शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मणिपुर को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जन खड़गे को पत्र लिखा और कांग्रेस और पी चिदंबरम के बयान पर सवाल उठाए हैं. नड्डा ने का कहना है कि कांग्रेस, मणिपुर अशांति के मुद्दे पर गलत, झूठी और राजनीति से प्रेरित कहानी को आगे बढ़ा रही है.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आरोपों पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जवाब दिया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आरोपों पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जवाब दिया है.
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST

मणिपुर अशांत है. लगातार हिंसा से आम नागरिक परेशान हैं और सरकार की टेंशन भी बढ़ती जा रही है. इस बीच, मणिपुर को लेकर एक बार फिर राजनीति भी तेज हो गई है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोला है और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के बयान पर सवाल उठाए हैं. वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी से 4 सवालों के जवाब मांगे हैं.

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शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मणिपुर को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जन खड़गे को पत्र लिखा और कांग्रेस और पी चिदंबरम के बयान पर सवाल उठाए हैं. नड्डा ने का कहना है कि कांग्रेस, मणिपुर अशांति के मुद्दे पर गलत, झूठी और राजनीति से प्रेरित कहानी को आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा, कांग्रेस की घोर विफलता का असर आज भी मणिपुर में महसूस किया जा रहा है.

खड़गे ने राष्ट्रपति को लिखा था पत्र

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने मणिपुर मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग की थी और संकट को कम करने में केंद्र पर पूरी तरह विफल होने का आरोप लगाया था. अब नड्डा ने खड़गे के इस बयान पर भी पलटवार किया.

'कांग्रेस की विफलता का दंश झेल रहा मणिपुर'

नड्डा ने दावा किया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो मणिपुर में स्थानीय मुद्दों से निपटने में उसकी घोर विफलता रही, जिसका असर आज भी मणिपुर में महसूस किया जा रहा है. उन्होंने खड़गे से कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा मणिपुर में स्थिति को सनसनीखेज बनाने की बार-बार कोशिश की जा रही है.

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'कांग्रेस ने अवैध प्रवास को वैध बनाया'

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि खड़गे यह भूल गए हैं कि उनकी सरकार (तत्कालीन UPA सरकार) ने ना सिर्फ विदेशी 'आतंकवादियों' के भारत में अवैध प्रवास को वैध बनाया, बल्कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने उनके साथ संधियों पर हस्ताक्षर किए थे. नड्डा ने दावा किया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने देश से भाग रहे इन उग्रवादी नेताओं का समर्थन किया गया और उनके अस्थिर प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया.

'अराजतकता में धकेलना चाहते हैं उग्रवादी'

उन्होंने कहा, आपकी सरकार के तहत भारत की सुरक्षा और प्रशासनिक प्रोटोकॉल की पूर्ण विफलता का एक प्रमुख कारण है कि उग्रवादी और आदतन हिंसक संगठन मणिपुर में शांति को खत्म करने और इसे कई दशकों तक अराजकता के दौर में धकेलने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रयास सफल नहीं होंगे और बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देगी.

कांग्रेस बोली- नड्डाजी का पत्र झूठ से भरा...

वहीं, कांग्रेस ने भी जेपी नड्डा पर पलटवार किया है. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष (खड़गे) ने मणिपुर मामले पर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. यह साफ है कि उस पत्र का काउंटर करने के लिए अब बीजेपी अध्यक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखा है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि नड्डाजी का पत्र झूठ से भरा है और यह भी उनके 4D - Denial (इंकार करो), Distortion ( तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करो) Distraction (ध्यान भटकाओ) Defamation(बदनाम करो) - तरीके के अनुरूप है.

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जयराम रमेश ने आगे कहा, मणिपुर के लोग जल्द से जल्द राज्य में सामान्य स्थिति, शांति और सद्भाव वापस चाहते हैं. इस उद्देश्य से उनके चार सरल सवाल हैं.
1. प्रधानमंत्री कब राज्य का दौरा करेंगे?
2. जब अधिकांश विधायक उनके समर्थन में नहीं हैं तो मुख्यमंत्री राज्य पर कब तक अत्याचार करते रहेंगे?
3. राज्य के लिए पूर्णकालिक राज्यपाल की नियुक्ति कब होगी?
4. जब मणिपुर की बात आती है तो केंद्रीय गृह मंत्री अपनी घोर विफलताओं की ज़िम्मेदारी कब लेंगे?

बीरेन सिंह ने भी पी चिदंबरम को ठहराया था जिम्मेदार

इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी बयान दिया था और मणिपुर में ताजा हिंसा के लिए कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था. सीएम सिंह ने कहा था, पी. चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा संकट मणिपुर के सीएम के कारण है. मैं यह कहना चाहता हूं कि कांग्रेस के समय में केंद्रीय नेताओं की अनदेखी के कारण हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. एन बीरेन सिंह ने कहा, वर्तमान संकट का मूल कारण भी पी चिदंबरम ही हैं. जब वो तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री थे और ओकराम इबोबी सिंह (मणिपुर के) सीएम थे तो वो म्यांमार के जोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी के अध्यक्ष थांगलियानपाउ गुइते को मणिपुर लेकर आए थे. यह संगठन म्यांमार में प्रतिबंधित है.

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'अवैध प्रवासियों से हो रही है समस्या' 

एन बीरेन सिंह ने एक तस्वीर दिखाई, जिसमें पी. चिदंबरम, थांग्लियानपाउ एक-दूसरे से हाथ मिला रहे हैं. बीरेन सिंह का कहना था कि उन्होंने (पी. चिदंबरम) कभी भी उत्तर पूर्व के लोगों की परवाह नहीं की. वर्तमान संकट म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों की समस्या से हो रहा है. वो मणिपुर और पूरे उत्तर पूर्व के मूल निवासियों पर हावी होने की कोशिश करते हैं. मणिपुर में जो भी समस्या है, वो कांग्रेस द्वारा पैदा की गई है. वे इससे आसानी से पीछे नहीं भाग सकते हैं.

मणिपुर को लेकर पी चिदंबरम के ट्वीट पर विवाद?

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने एक ट्वीट में मणिपुर के विभिन्न जातीय समुदायों के लिए राज्य के भीतर क्षेत्रीय स्वायत्तता की वकालत की थी. चिदंबरम ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि मणिपुर में 5000 अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) तैनात करना समस्या का समाधान नहीं है. इसके बजाय अधिक समझदारी की जरूरत है , यह स्वीकार करना चाहिए कि मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह इस संकट की जड़ हैं और उन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए. जरूरत है कि मैतेई, कुकी-जो और नागा एक राज्य में तभी रह सकते हैं जब उन्हें वास्तविक क्षेत्रीय स्वायत्तता मिले. इसके साथ ही यह भी लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री अपनी जिद छोड़ें, मणिपुर जाएं, वहां के लोगों से विनम्रता के साथ बात करें और उनके दुख-दर्द और आकांक्षाओं को समझें. हालांकि, चिदंबरम के पोस्ट पर विवाद बढ़ा तो उन्होंने इसे डिलीट कर दिया.

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स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने भी जताई थी नाराजगी

वहीं, मणिपुर के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष समेत वर्तमान विधायक, पूर्व मंत्री समेत 10 नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष खड़गे को पत्र लिखा और चिदंबरम की पोस्ट पर नाराजगी जाहिर की. पत्र में उन्होंने कहा कि यह पोस्ट मणिपुर के इस संवेदनशील समय में बिलकुल अनुचित भाषा और भावनाओं को व्यक्त करती है. कांग्रेस पार्टी हमेशा मणिपुर की एकता और क्षेत्रीय अखंडता के पक्ष में खड़ी रही है. हम एआईसीसी से अनुरोध करते हैं कि वे पी. चिदंबरम के खिलाफ तत्काल उचित कार्रवाई करें और उन्हें यह पोस्ट तुरंत हटाने का निर्देश दें.

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