
बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है. केंद्र सरकार ने IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से मुक्त कर दिया है. सरकार ने UPSC परीक्षा में OBC और दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने के आरोप में पूजा के खिलाफ कार्रवाई की है. इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी. साथ ही उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था.
पूजा खेडकर ने 2020-21 में ओबीसी कोटे के तहत 'पूजा दिलीपराव खेडकर' नाम से परीक्षा दी. 2021-22 में सभी अटेम्प्ट पूरे करने के बाद पूजा ओबीसी और PWBD (दिव्यांग व्यक्ति) कोटे के तहत परीक्षा में शामिल हुईं. तब उन्होंने 'पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर' नाम का इस्तेमाल किया. पूजा ने ऑल इंडिया स्तर पर 821 रैंक हासिल की थी.
उनकी उम्मीदवारी के दावों की पुष्टि के लिए 11 जुलाई को एक एकल सदस्यीय समिति गठित की गई और 24 जुलाई को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. कमेटी की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सरकार ने IAS (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के प्रावधानों के अनुसार एक जांच की.
ऐसा पाया गया कि पूजा खेडकर ने 2012 से 2023 के बीच सिविल सर्विसेज एग्जाम (CSE) के लिए आवेदन किया और परीक्षा में शामिल हुईं. CSE-2012 और CSE-2023 के बीच पूजा खेडकर ने आवेदन पत्रों में जो जानकारी दी, उसके अनुसार यह पाया गया है कि उन्होंने ओबीसी और दिव्यांगता कोटे के तहत मिलने वाले अधिकतम 9 प्रयासों की तुलना में ज्यादा प्रयास किए थे. अपनी दावा की गई श्रेणी (ओबीसी और पीडब्ल्यूबीडी) में अधिकतम अनुमेय नौ प्रयासों की तुलना में सिविल सेवा परीक्षा में अधिक प्रयास किए थे, लिहाजा उन्होंने 2012 और 2020 के बीच यानी CSE-2022 से पहले ही सिविल सेवा परीक्षाओं में सभी अटेम्प्ट पूरे कर लिए थे.
सीएसई नियम 2022 के नियम 3 के तहत विभिन्न केटेगरी के कैंडिडेट को मिलने वाले अटेम्प्ट की अधिकतम संख्या निर्धारित की गई है. ओबीसी और PWBD के लिए अटेम्प्ट की संख्या 9 निर्धारत की गई है. जांच करने के बाद यह पाया गया कि पूजा खेडकर सीएसई-2022 में उम्मीदवार बनने के लिए अयोग्य थीं, जो कि आईएएस में उनके चयन और नियुक्ति का वर्ष था.
इसके बाद 31 जुलाई को यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द की दी और उन्हें भविष्य की किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया. यह निर्णय तब लिया गया जब पूजा खेडकर को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और सीएसई (सिविल सेवा परीक्षा) 2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया, जिसमें अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करना भी शामिल था.
यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एक आपराधिक मामला भी शुरू किया. इसके बाद पूजा खेडकर ने यूपीएससी द्वारा उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में पूजा खेडकर ने दावा किया कि उन्होंने यूपीएससी को अपने नाम में हेरफेर या गलत जानकारी नहीं दी.