
जम्मू-कश्मीर में बिजली को बहाल करने के लिए प्रशासन को सेना से मदद लेनी पड़ी है. संकट से उपजे हालातों को दूर करने के लिए सैनिकों ने अब प्रमुख बिजलीघरों की कमान संभाल ली है. ब्लैकआउट की यह स्थिति बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण पैदा हुई. वहीं, इस मुद्दे को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुला ने राज्य प्रशासन को विफल करार दिया है.
उमर अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग में बिजली के बुनियादी ढांचे को संचालित करने के लिए सेना को बुलाया गया है. नागरिक प्रशासन के लिए सेना को बुलाने से बड़ी विफलता कुछ नहीं है. इसका मतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने शासन के पूरी तरह फेल होने को स्वीकार लिया है.
इससे पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के प्रवक्ता इमरान नबी डार के बयान का समर्थन कर 'नए जम्मू कश्मीर' मॉडल पर तंज कसा. दरअसल, डार ने जम्मू संभाग आयुक्त के उस पत्र जिसमें सेना की मदद मांगी गई थी, को ट्वीट करते हुए लिखा, "नए जम्मू कश्मीर" मॉडल में एक्शन. सेना को बिजली बहाल करने को बुलाया गया. बहुत खूब!''
जरूरी सेवाओं को बहाल करने में मदद मिलेगी
जम्मू संभागीय आयुक्त डॉ. रावघ लैंगर ने सेना को लिखे एक पत्र में कहा है, ''बिजली विभाग के कर्मियों की हड़ताल के कारण जम्मू क्षेत्र में जरूरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. हम मुख्य बिजली स्टेशनों और जलपूर्ति स्त्रोतों की बहाली के जरिए जरूरी सेवाओं को बहाल करने में भारतीय सेना की मदद चाहते हैं.''
20,000 से ज्यादा कर्मचारियों की हड़ताल
दरअसल, जम्मू-कश्मीर पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम को ठंडे बस्ते में डालने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बिजली विभाग के 20,000 से अधिक लाइनमैन से लेकर इंजीनियरों तक ने शुक्रवार आधी रात के आसपास से काम का बहिष्कार कर बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है. इसके चलते राज्य के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई और आवश्यक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गईं.
बीजेपी की मांग
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा ने भी जम्मू शहर के कई हिस्सों और आसपास के इलाकों के अंधेरे में डूबने पर चिंता व्यक्त की और प्रशासन से हड़ताली कर्मचारियों के साथ मुद्दों को हल करने के लिए बड़े कदम उठाने का आग्रह किया है.
विरोध-प्रदर्शन
उधर, इस ब्लैकआउट को लेकर गुस्साए लोगों ने रविवार को कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि निजीकरण और अन्य मुद्दों के खिलाफ बिजली विकास विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल को दो दिन हो चुके हैं.