
17वीं लोकसभा के आखिरी संसद सत्र की शुरुआत राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ हुई. इस पर सभी सांसदों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी. शाम करीब 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में बोलने आए. उन्होंने अपने 42 मिनट के भाषण में अपनी सरकार की 5 साल की उपलब्धियां गिनाईं, आने वाले 25 सालों का लक्ष्य बताया और विपक्ष पर तंज कसा. पीएम के भाषण में बीजेपी सरकार के भूतकाल, वर्तमान और भविष्य की नीतियों का खूब उल्लेख रहा.
पीएम ने देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म पर बात की. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण से 17वीं लोकसभा के कार्यकाल के दौरान लिए गए अहम और बड़े फैसलों पर सरकार की पीठ थपथपाई. महात्मा गांधी के दांडी मार्च के जरिए देश की जनता को आगामी 25 सालों का महत्व समझाया और इस वर्ष होने वाले आम चुनावों में जीत की हैट्रिक लगाने का स्पष्ट संदेश विपक्ष को दिया. साथ ही राम मंदिर उद्घाटन में विपक्ष के शामिल न होने पर कटाक्ष किया.
प्रधानमंत्री का पूरा भाषण सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल में हुए कई बड़े कामों पर आधारित रहा. उन्होंने कोविड काल, जम्मू कश्मीर, धारा 370, आतंकवाद, जी-20, तीन तलाक, राम मंदिर, नए संसद भवन सहित कई मुद्दों पर सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को दोहराया और कहा कि 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं, जिनका कई पीढ़ियों से इंतजार था.
उन्होंने नए संसद भवन, सेंगोल की स्थापना, जी-20 का आयोजन, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने, अंग्रेजों की दंड संहिता हटाकर न्याय संहिता लाने, तीन तलाक कानून, नारी शक्ति वंदना अधिनियम, पेपर लीक-चीटिंग बिल, डेटा प्रोटक्शन बिल, 60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हटाने जैसे पांच साल के कार्यकाल में हुए कार्यों को गिनाया.
MODI 2.0 सरकार के पांच साल के बड़े फैसले
प्रधानमंत्री ने MODI 2.0 सरकार के कामकाज का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे उनकी सरकार ने 16-17 हजार ट्रांसजेंडर्स को आइडेंटिटी दी, पद्म अवॉर्ड दिया और उन्हें पहचान दी, कोविड में मुफ्त इंजेक्शन दिया. कंपनीज एक्ट, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट, 60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हटाने का काम सरकार ने किया.
जल-थल-नभ और स्पेस की दिशा में पिछले 5 वर्षों में हुए कामकाज का जिक्र भी पीएम के भाषण में शामिल रहा. पीएम ने कहा कि हमने डेटा प्रोटक्शन बिल लाकर पूरी भावी पीढ़ी को सुरक्षित कर दिया है. वो भविष्य को बनाने के लिए सही इस्तेमाल करेंगे. डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोडक्शन एक्ट बनाया. पेपरलीक जैसी समस्या के लिए कठोर कानून बनाए हैं.
दांडी मार्च के जरिए समझाया आने वाले 25 वर्षों का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्यूचर विजन को भी अपने अभिभाषण में शामिल किया. देश की जनता खासकर युवाओं को आगामी 25 वर्षों का महत्व समझाने के लिए महात्मा गांधी के दांड़ी मार्च का जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 25 साल महत्वपूर्ण हैं. हर कोई अब सपना देखता है कि 25 वर्षों में भारत विकसित देश बने. देश की आकांक्षा, संकल्प बना चुका है. 25 साल वो हैं, जब देश इच्छित परिणाम हासिल करेगा.
उन्होंने कहा कि 1930 में दांडी यात्रा शुरू थी. घोषणा होने के पहले लोगों को सामर्थ्य नजर नहीं आया था. उस समय जो घटनाएं छोटी लगती थीं, लेकिन 1947 तक वो 25 साल का कालखंड था, जिसने देश के अंदर जज्बा पैदा कर दिया था कि अब तो आजाद होना है. मैं आज देश रहा हूं कि देश में वो जज्बा पैदा हुआ है. हर गली-मोहल्ले में हर बच्चे के मुंह से निकला है कि 25 साल में हम विकसित भारत बनाकर रहेंगे. इसलिए ये 25 साल देश की पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण कालखंड है.
आगामी चुनाव में हैट्रिक का संदेश, राम मंदिर को लेकर विपक्ष तंज
पीएम मोदी ने आगामी लोकसभा चुनावों का जिक्र भी अपने संबोधन में करते हुए विपक्ष पर तंज कसा. उन्होंने चुनाव में जीत की हैट्रिक का संदेश दिया तो वहीं राम मंदिर को लेकर विपक्ष पर कटाक्ष भी किया. पीएम ने कहा कि चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं. कुछ लोगों को घबराहट हो सकती है. लेकिन ये लोकतंत्र का जरूरी पहलू है. हम सब इसे गर्व से स्वीकार करते हैं. मुझे विश्वास है कि हमारे चुनाव देश की शान बढ़ाने वाले अवश्य रहेंगे. कभी-कभी हमारे ऊपर हमले भी इतने मजेदार रहे हैं कि हमारी भीतर की शक्ति भी खिलकर निकली है. मुझ पर परमात्मा की कृपा रहेगी कि जब मुझ पर चुनौती आती है तो और आनंद आता है. हर चुनौती का हम सामना कर पाए हैं.
उन्होंने राम मंदिर के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि राम मंदिर को लेकर जो इस सदन ने प्रस्ताव पारित किया है, वे देश की भावी पीढ़ी को इस देश के मूल्यों पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति देगा. ये सही है कि हर किसी में सामर्थ्य नहीं होता है ऐसी चीजों में हिस्सा लेने का. कोई हिम्मत दिखाते हैं, कोई मैदान छोड़कर भाग जाते हैं. फिर भी आज जो बातें रखी गई हैं उनमें संवेदना है, सामर्थ्य है, संकल्प है, सबका साथ सबका विकास है. हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ न कुछ अच्छा करते रहेंगे.