
संसद के बजट सत्र का आज नौवां दिन है और बजट सत्र के नौवें दिन की कार्यवाही का राज्यसभा में हंगामेदार आगाज हुआ. राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कुछ मुद्दे उठाए और इसे लेकर सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जताई. जगदीप धनखड़ ने इस पर कहा कि आप मेरे चैंबर में आइए, मैं हर समय आपत्तियां सुनने और करेक्ट करने के लिए उपलब्ध हूं.
सभापति के इतना कहने के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन से कुछ अंश निकाले जाने का मुद्दा उठाया. प्रमोद तिवारी ने इसे नियम 262 और 263 का उल्लंघन बताया और कहा कि शायरी तो प्यार-मोहब्बत के साथ की जाती है. इसे नहीं निकाला जाना चाहिए सर. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मेरी समझ में ये नहीं आता कि शायरी प्यार-मोहब्बत के साथ होती है कि प्यार-मोहब्बत से शायरी होती है.
इसके बाद प्रमोद तिवारी ने जगदीप धनखड़ से सवाल किया कि आपको कितनी बार प्यार हुआ है, मुझे ये बता दीजिए. प्रमोद तिवारी के इस सवाल पर सदन में मौजूद हर कोई मुस्करा उठा. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ भी इस पर खुद को मुस्कराने से नहीं रोक सके. प्रमोद तिवारी ने इस पर कहा कि जब याद आ जाए तो बता दीजिएगा कि आपने कितनी बार प्यार-मोहब्बत से शायरी की है.
प्रमोद तिवारी ने सभापति से कहा कि हो सकता है कि कुछ अंश नीचे के लोगों की गलती से हटा दिए गए हों. इस पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमारे पास काबिल अधिकारियों की टीम है. नीचे से कोई गलती नहीं हुई है. इसके बाद प्रमोद तिवारी ने कहा कि जब आपने खुद ही ये मान ही लिया है कि आपने कार्यवाही से हटवाया है तो कृपया इस गलती को सुधार भी लीजिए. इसके बाद जगदीप धनखड़ ने कहा कि दोपहर के बाद मेरे चैंबर में आइए.
जिसे चाय पसंद, उसे चाय पिलाएं
जगदीप धनखड़ ने कहा कि मेरी कोशिश रहती है कि जिसे चाय पसंद है, उसे चाय और जिसे कॉफी पसंद हो उसे कॉपी पिलाएं. जगदीप धनखड़ ने पीएम मोदी के बाली दौरे को लेकर एक सदस्य की ओर से वीडियो क्लिप दिखाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने तीन लाइनें भी कहीं जो बेहद आपत्तिजनक थीं. इन्हें ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा.
उन्होंने कहा कि माननीय सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं और हार्वर्ड के भी पढ़े हुए हैं. वे शाम को मेरे चैंबर में आए और हमारी-उनकी जो बातचीत हुई, उसे चिट्ठी में भी लिखा दिया कि चेयरमैन्स एडवाइस. मैंने कोई एडवाइस नहीं दी. मैंने बस नियमों का पालन करने के लिए कहा. जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन में कुछ बातों को भी आपत्तिजनक बताया.