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'राजनीति में अगले 20-30 साल BJP के होंगे', प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी

प्रशांत किशोर ने कहा, 'हां, हम गलत साबित हुए, कम से कम 20 प्रतिशत से. हमने लगभग 300 (भाजपा के लिए सीटें) की भविष्यवाणी की थी, और संख्या 240 रही, यह अंतर 20 प्रतिशत का था.' प्रशांत किशोर ने कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं था और भाजपा के वोट शेयर पर कोई असर नहीं पड़ा.

प्रशांत किशोर ने इंडिया टुडे से की खास बातचीत प्रशांत किशोर ने इंडिया टुडे से की खास बातचीत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2024,
  • अपडेटेड 1:16 AM IST

राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर का कहना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से 'हर किसी को खुश होने के लिए कुछ न कुछ है'. इंडिया टुडे ने लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों पर प्रशांत किशोर से बात की.

इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल और कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत में प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि संख्या के लिहाज से उनका आकलन गलत था. उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 300 से ज्यादा सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी. प्रशांत किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि 'चीजों को नंबर्स से आगे बढ़कर समझना जरूरी है'.

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'भाजपा के वोट शेयर पर कोई असर नहीं पड़ा'

प्रशांत किशोर ने कहा, 'हां, हम गलत साबित हुए, कम से कम 20 प्रतिशत से. हमने लगभग 300 (भाजपा के लिए सीटें) की भविष्यवाणी की थी, और संख्या 240 रही, यह अंतर 20 प्रतिशत का था.' प्रशांत किशोर ने कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं था और भाजपा के वोट शेयर पर कोई असर नहीं पड़ा.

यह भी पढ़ें: '400 पार का नारा अधूरा, बीजेपी को इससे नुकसान हुआ', नतीजों पर बोले प्रशांत किशोर


भाजपा की सीटों को लेकर भविष्यवाणी गलत निकली: PK

प्रशांत किशोर ने कहा, 'कुछ इलाकों में (भाजपा के खिलाफ) बहुत असंतोष था, संभवत: थोड़ा गुस्सा भी था. लेकिन मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं था.' प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा की सीटों के बारे में उनकी भविष्यवाणी गलत निकली, लेकिन पार्टी अपना वोट शेयर बरकरार रखने में कामयाब रही. उन्होंने कहा, 'अगर आप नंबरों से आगे देखें, तो यह (आकलन) उतना गलत नहीं है. क्योंकि आखिरकार उन्हें (भाजपा) 36 फीसदी वोट शेयर मिला, जो कि यथास्थिति है... मोदी वापस आ रहे हैं, एनडीए सरकार वापस आ रही है. वे अभी भी नंबर-1 पार्टी हैं.'

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'कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन बेहतर किया'

2024 के चुनावों में, कांग्रेस ने पिछले दो लोकसभा चुनावों से अपना प्रदर्शन बेहतर किया है. कुल 543 में से पार्टी ने 99 सीटें जीती हैं. लेकिन प्रशांत किशोर के अनुसार, इसे पार्टी के बड़े पुनरुद्धार के रूप में नहीं देखा जा सकता है. उन्होंने कहा, 'इसने कुछ हद तक उन लोगों में (उत्साह) पुनर्जीवित किया है जो कांग्रेस समर्थक हैं. उनमें यह विश्वास बढ़ा है कि यह व्यक्ति (राहुल गांधी) हमें जीत दिला सकता है.'

'गठबंधन सरकार की स्थिरता का सवाल गलत'

प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा, 'मैं दोहराता हूं, यह कांग्रेस के इतिहास में तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है. इंदिरा गांधी के समय में भी जब कांग्रेस विफल रही, तब भी उन्होंने 154 सीटें जीती थीं. 99 या 101 या 102 सीटें पाना कांग्रेस के बड़े पुनरुत्थान का संकेत नहीं है. यह सिर्फ दिखाता है कि उनके पास एक मौका है.' उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार की स्थिरता का सवाल गलत है, और नरेंद्र मोदी सरकार चलाने और यहां तक ​​कि बड़े सुधारों को लागू करने का प्रबंधन करेंगे. उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव का उदाहरण दिया, जिन्होंने 90 के दशक की शुरुआत में गठबंधन सरकार के तहत बड़े सुधार किए थे. प्रशांत किशोर ने कहा, 'गठबंधन की स्थिरता के बारे में बहुत चर्चाएं हो रही हैं. 1991 की बात करते हैं. नरसिम्हा राव के पास भी इतनी ही सीटें थीं. लेकिन सरकार ने सब कुछ हासिल किया. जो लोग पूछ रहे हैं कि क्या पीएम मोदी बड़े काम कर पाएंगे, निश्चित रूप से वह करेंगे क्योंकि नरसिम्हा राव ने यह किया है.'

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'एनडीए गठबंधन में कुछ बदलाव आ रहे'

प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी के जीत के बाद दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि एनडीए गठबंधन में कुछ बदलाव आ रहे हैं, जहां उन्होंने भाजपा के बजाय एनडीए की जीत के बारे में बात की थी. उन्होंने चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के एनडीए पर नियंत्रण के तर्क को भी खारिज कर दिया. प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसी कोई स्थिति नहीं है जहां वे भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़कर भी सरकार बना सकें.

'विपक्ष को महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में फायदा हुआ'

प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्ष तीन राज्यों- महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड- में फायदे की स्थिति में है, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. उन्होंने कहा, 'इन राज्यों में विपक्ष के लिए अच्छी बात यह है कि भाजपा बैकफुट पर है.' उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि भारतीय नेता इसे समझते हैं और इसीलिए उन्होंने कहा, 'हम इसे सही समय पर लेंगे'. विपक्ष को मेरी सलाह है कि अपनी सारी ताकत लगाएं और उन तीन राज्यों पर फोकस करें.' प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बीजेपी इन तीन राज्यों में से कम से कम दो को बचाने में विफल रहती है, तो पार्टी को आंतरिक असंतोष और सहयोगियों के अलग होने सहित परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

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'भाजपा अगले 20-30 साल तक प्रमुख ताकत बनी रहेगी'

प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा अगले 20-30 वर्षों में एक प्रमुख ताकत बनी रहेगी. उन्होंने कहा, 'अगले 20-30 साल बीजेपी के प्रभुत्व वाला युग होगा. इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा चुनाव नहीं हारेगी, वे विपक्ष में भी जा सकते हैं. लेकिन देश की राजनीति में, जैसा कि 40 वर्षों तक कांग्रेस के साथ हुआ, हमारे जीवनकाल के अगले 20-30 वर्षों में, भाजपा वह ध्रुव होगी जिसके चारों ओर राजनीति घूमेगी. वे प्रमुख राजनीतिक शक्ति बने रहेंगे.'

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