
सरकार की ओर से प्रत्येक गांव को विकास की धारा में लाने के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ सड़क और पुलिया के निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं. सरकार के इस प्रयास के बाद भी गढ़चिरोली के मुलचेरा तहसील की वेंगनुर ग्राम पंचायत विकास से कोसो दूर है.
पुलिया के अभाव में बारिश के चार से पांच महीने तक गांव वालों का संपर्क बाहरी दुनिया से कट जाता है और उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है. गढ़चिरौली जिला निर्माण को हाल ही में 39 वर्ष पूर्ण हुए है. बीते दिनों एक गर्भवती महिला को प्रसूति के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाने के लिए रिश्तेदार और ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी.
जानकारी के अनुसार, 30 अगस्त की रात से ही वेंगनूर की सुमित्रा नरोटे नामक गर्भवती महिला को दर्द शुरू हो गया. गांव में अस्पताल नहीं होने से प्रसूति के लिए रेगडी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना था. ऐसे में नाव के सहारे रात में जाना संभव नहीं हो सका और सुबह तक का इंतजार करना पड़ा. इसके बाद नौ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद एंबुलेंस से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया.
बता दें कि गढ़चिरोली जिले में पक्की सड़क, नदी-नालों पर पुलिया नहीं होने से तथा समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने से समय पर उपचार के अभाव में कई गर्भवती माताओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है. इस महिला को भी उपचार के लिए रातभर दर्द सहना पड़ा और फिर सुबह 9 किमी का सफर तय कर अस्पताल में पहुंचना पड़ा.
(इनपुट: व्यंकटेश)