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विज्ञापनों पर खर्च को लेकर सवाल, केंद्र-एलजी-दिल्ली सरकार के बीच लेटर वॉर...कैसे आखिरी मोमेंट पर रुक गया दिल्ली का बजट?

दिल्ली में मंगलवार को बजट पेश होना था. लेकिन आखिरी समय में इस पर गृह मंत्रालय ने रोक लगा दी. बताया जा रहा है कि मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से विज्ञापन समेत कुछ मुद्दों पर जवाब मांगा है. उधर, दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने इसे केंद्र सरकार की गुंडागर्दी करार दिया.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय सक्सेना दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय सक्सेना
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 10:08 AM IST

दिल्ली के बजट (2023-24) को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार आमने सामने आ गई हैं. दिल्ली का बजट मंगलवार यानी आज पेश होना था, लेकिन इस पर रोक लग गई. बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विज्ञापन, पूंजीगत व्यय पर खर्च और आयुष्मान भारत जैसे मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया.उन्होंने कहा कि यह पहली बार इतिहास में हो रहा है, जब किसी सरकार का बजट रोक दिया गया. 

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दरअसल, दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल के बजट पर रोक लगा दी है. ऐसे में यह मंगलवार को सदन में पेश नहीं हो पाएगा. इसे लेकर केजरीवाल ने केंद्र पर निशाना साधा. उधर, गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने आप सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि उसके बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए ज्यादा आवंटन और बुनियादी ढांचे और अन्य विकास पहलों के लिए अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित की गई.

गृह मंत्रालय ने इन मुद्दों पर मांगा स्पष्टीकरण

- गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के बजट का मात्र 20% पूंजीगत व्यय पर खर्च करने का प्रस्ताव है. यह राशि देश की राजधानी और महानगर दिल्ली के लिए पर्याप्त नहीं है.
- केजरीवाल सरकार दो साल में प्रचार प्रसार पर खर्च को दो गुना कर चुकी है, इस पर एलजी ने स्पष्टीकरण मांगा है. 
- आयुष्मान भारत जैसी केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिल्ली की गरीब जनता को न मिलने पर एलजी ने स्पष्टीकरण मांगा. 

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चार दिन में मांगा केजरीवाल सरकार से जवाब

गृह मंत्रालय ने कहा, दिल्ली के उपराज्यपाल ने प्रस्तावित बजट पर कुछ चिंताओं को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के वित्तीय हित को ध्यान में रखते हुए उठाया था. इस पर गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में दिल्ली सरकार से अपील की है. दिल्ली सरकार आगे की कार्रवाई करने के लिए इन चिंताओं को दूर करने के लिए बजट को फिर से प्रस्तुत करेगा. दिल्ली सरकार इसपर चार दिन में अपना जवाब प्रस्तुत करे. दिल्ली के लोगों के लाभ के लिए सरकार को तुरंत जवाब प्रस्तुत करना चाहिए.

दिल्ली सरकार का क्या है कहना?

दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने आरोपों को निराधार और गलत बताया. उन्होंने कहा कि दिल्ली का बजट 78,800 करोड़, इनमें से 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए और सिर्फ 550 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च के लिए है. उन्होंने कहा, विज्ञापन पर खर्च पिछले साल के बजट के बराबर ही है. 

गहलोत ने कहा, ''अब पता चला है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट पर कुछ चिंताएं जताई थीं और 17 मार्च को मुख्य सचिव को भेजे पत्र के जरिए इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. लेकिन दिल्ली के मुख्य सचिव पत्र को 3 दिन तक छिपा कर रखा.मुझे इस लेटर के बारे में बजट एक दिन पहले 2 बजे पता चला. 

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उन्होंने कहा, गृह मंत्रालय के पत्र वाली फाइल आधिकारिक तौर पर सोमवार शाम 6 बजे यानी दिल्ली विधानसभा में बजट पेश होने से ठीक एक दिन पहले मेरे पास रखी गई थी. इसके बाद, हमने जवाब दिया है. गृह मंत्रालय की चिंता और सीएम की मंजूरी के बाद आज रात 9 बजे फाइल वापस दिल्ली के एलजी को सौंप दी. 

सीएम केजरीवाल ने पीएम को लिखा पत्र

आजतक के पंकज जैन की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब पीएम मोदी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने लिखा, देश के 75 साल के इतिहास में पहली बार किसी राज्य का बजट रोका गया. आप हम दिल्ली वालों से क्यों नाराज हैं? प्लीज दिल्ली बजट मत रोकिए.दिल्ली वाले आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं हमारा बजट पास कर दीजिए. 

LG दफ्तर की ओर से क्या कहा गया?

LG दफ्तर के सूत्रों ने बताया कि एलजी सचिव को रात 9:25 बजे फाइल मिली. इसे कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई के लिए एलजी की मंजूरी के बाद रात 10:05 बजे मुख्यमंत्री को वापस भेज दी गई.दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा कि वित्त सचिव इसकी मंजूरी के लिए मंगलवार को गृह मंत्रालय को पत्र लिखेंगे और उसकी मंजूरी के बाद बजट पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंगलवार को बजट पेश नहीं किया जाएगा. 

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एलजी दफ्तर के सूत्रों के अनुसार, एलजी वीके सक्सेना ने 9 मार्च को कुछ टिप्पणियों के साथ 2023-2024 के वार्षिक वित्तीय विवरण को मंजूरी दी और फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी थी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर राष्ट्रपति की स्वीकृति मांगी. गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को दिल्ली सरकार को अपनी आपत्ति उठाई. एलजी कार्यालय मुख्यमंत्री की ओर से फाइल भेजे जाने का इंतजार कर रहा है. 

LG दफ्तर के सूत्रों के मुताबिक, उपराज्यपाल सक्सेना का कहना है कि 78,800 करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजट के मुकाबले बुनियादी ढांचे पर 21,816 करोड़ की राशि आवंटित की गई है. यह सिर्फ 27.68% है. इसमें से भी लोन रिपेमेंट के लिए  5,586.92 करोड़ रुपये का प्रावधान है. ऐसे में बुनियादी ढांचे के लिए सिर्फ 16,230 करोड़ रुपये का प्रावधान रह जाता है. यह बजट का सिर्फ 20% है. 




 

 

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