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केंद्र सरकार ने की 6 जजों को नियुक्ति, दो दिल्ली HC और चार केरल हाईकोर्ट के लिए

केरल हाईकोर्ट को चार और दिल्ली हाईकोर्ट को दो अस्थाई जज मिले हैं. केरल हाईकोर्ट में दो जज निचली न्यायपालिका से पदोन्नत कर बनाए गए हैं. जबकि दो जज केरल हाईकोर्ट बार के अनुभवी वकील हैं

सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने सुझाए थे नाम (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने सुझाए थे नाम (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 23 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 1:12 AM IST
  • कॉलेजियम ने सुझाए थे नाम जिन्हें राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
  • केरल और दिल्ली हाईकोर्ट को मिले नए न्यायाधीश
  • राष्ट्रपति करते हैं हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों में से छह न्यायविदों की नियुक्ति हाईकोर्ट के अस्थाई जज के रूप में कर दी है. जिसके तहत केरल हाईकोर्ट को चार और दिल्ली हाईकोर्ट को दो अस्थाई जज मिले हैं. केरल हाईकोर्ट में दो जज निचली न्यायपालिका से पदोन्नत कर बनाए गए हैं. जबकि दो जज केरल हाईकोर्ट बार के अनुभवी वकील हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के अस्थाई जजों के नाम जसमीत सिंह और अमित बंसल है.

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भारत सरकार के जॉइंट सेक्रेटरी राजिंदर कश्यप द्वारा जारी किए गए नोटिस में लिखा है कि ''संविधान के अनुच्छेद 224 के अंतर्गत अपनी ताकतों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति, मुरली पुरुषोत्तम, जियाद रहमान, करुणाकरन बाबु और डॉ. कौसर एडाप्पगथ को केरल हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्ति कर रहे हैं. ये नियुक्ति दो साल के लिए जा रही है.''

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 217 के अनुसार हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करेंगे. लेकिन ऐसी नियुक्ति करने से पहले वे चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया, संबंधित राज्य के राज्यपाल और संबंधित हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सलाह लेंगे.

इसी तरह संविधान के अनुच्छेद 124(2) के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति के द्वारा की जाएगी. ऐसा करते समय वे सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सलाह लेंगे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों के मुताबिक 'कॉलेजियम व्यवस्था' का निर्माण कर लिया है. जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था की है कि जजों की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति को अनिवार्य तौर पर कॉलेजियम से सलाह लेनी पड़ेगी.

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कॉलेजियम में मोटे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जज होते हैं. सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम व्यवस्था इतनी अधिक मजबूत हो चुकी है कि इसे लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट में कई बार टकराव भी हुआ है.

 

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