
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई-30 MKI फाइटर जेट में अपनी पहली उड़ान भरी. द्रौपदी मुर्मू फाइटर जेट से उड़ान भरने वालीं चौथी राष्ट्रपति बन गई हैं. उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटील और रामनाथ कोविंद भी फाइटर जेट्स में उड़ान भर चुके हैं. हालांकि द्रौपदी मुर्मू की ये उड़ान बाकी राष्ट्रपतियों की उड़ान से अलग है.
देश का राष्ट्रपति तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर होता है. इसी को लेकर राष्ट्रपति को सेना की ताकतों, हथियारों और नीतियों से अवगत कराया जाता है. इसी के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुखोई फाइटर जेट के जरिए उड़ान भरी है. हालांकि उनकी ये उड़ान पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटील और रामनाथ कोविंद की उड़ान से अलग है. दरअसल इन राष्ट्रपतियों के फाइटर जेट के एयरफोर्स स्टेशन पुणे थे, जबकि राष्ट्रपति मुर्मू ने असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई-30 MKI फाइटर जेट से उड़ान भरी, जोकि भारत-चीन बॉर्डर के पास है. वायुसेना के ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार तिवारी ने उन्हें सुखोई-30 MKI में उड़ाया.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर बताया कि राष्ट्रपति ने सुखोई से जो उड़ान भरी थी, उसका महत्व इसलिए ज्यादा होना चाहिए क्योंकि वो भारत-चीन सीमा के बहुत करीब है. सीएम हिमंता ने ट्वीट किया, "सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर, हमारी आदरणीय राष्ट्रपति जी को तेजपुर में सुखोई -30 एमकेआई पर उड़ान भरते हुए देखना दांतों तले उंगली दबाने वाला था. भारत-चीन बॉर्डर के बहुत करीब होने को नहीं भुलाया जाना चाहिए."
उड़ान के बाद राष्ट्रपति बोलीं- अच्छा लगा
वहीं 25 मिनट की उड़ान के बाद राष्ट्रपति ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि अच्छा लगा. द्रौपदी मुर्मू असम की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. वह गुवाहाटी से तेजपुर पहुंचे. एयरपोर्ट पर उनका स्वागत एयर मार्शल एस पी धारकर, राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने किया. तेजपुर में लैंडिंग के बाद मुर्मू को भारतीय वायुसेना कर्मियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद फ्लाइंग सूट पहनकर विमान पर चढ़ीं और इस दौरान उन्होंने पत्रकारों का हाथ हिलाकर अभिभादन किया. राष्ट्रपति ने विमान के सामने अपने पायलट और अन्य अधिकारियों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं.
क्या है सुखोई फाइटर जेट की खासियत?
Sukhoi Su-30MKI की लंबाई 72 फीट, विंगस्पैन 48.3 फीट और ऊंचाई 20.10 फीट है. इसका वजन 18,400 KG है. सुखोई में लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं, जो उसे 123 किलोन्यूटन की ताकत देता है. यह 2120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ता है. इसकी कॉम्बैट रेंज 3000 किलोमीटर है. बीच रास्ते में ईंधन मिल जाए तो यह 8000 किलोमीटर तक जा सकता है. सुखोई -30 MKI रूस के सुखोई की ओर से डवलप और भारत के एयरोस्पेस दिग्गज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित एक ट्विन-सीटर मल्टीरोल फाइटर जेट है.
57 हजार फीट की ऊंचाई तक भर सकता है उड़ान
सुखोई-30 MKI अधिकतम 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. सुखोई एक मिनट में 59 हजार फीट तक जा सकता है. सुखोई-30 MKI में 30mm की एक ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन लगी है. जो एक मिनट में 150 राउंड फायर करती है. दुश्मन का विमान, ड्रोन या हेलिकॉप्टर बच नहीं सकते. इसमें 12 हार्ड प्वाइंट्स लगे हैं. यानी वो जगह जहां पर हथियार लगाया जाता है. इसमें 4 तरह के रॉकेट्स लगा सकते हैं. चार तरह की मिसाइल और 10 तरह के बम लग सकते हैं. या फिर इन सबका मिश्रण लगाया जा सकता है.