
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 जुलाई को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में देश के वीर सपूतों को कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया. द्रौपदी मुर्मू ने रक्षा अलंकरण समारोह (Defence Investiture Ceremony) (फेज-1) के दौरान सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/संघ शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को 10 कीर्ति चक्र (सात मरणोपरांत) और 26 शौर्य चक्र (सात मरणोपरांत) से सम्मानित किया. सपूतों को विशिष्ट वीरता, अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति अत्यधिक समर्पण दिखाने के लिए ये पुरस्कार दिए गए.
इन्हें मिला सम्मान
कीर्ति चक्र मेजर दिग्विजय सिंह रावत, 21वीं बटालियन पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) को दिया गया. शौर्य चक्र मेजर मानेओ फ्रांसिस पीएफ 21वीं बटालियन, पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) को दिया गया. शौर्य चक्र से लेफ्टिनेंट बिमल रंजन बेहरा, हवलदार संजय कुमार 9 असम राइफल्स, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिकेश जयन करुयेदया फ्लाइंग (पायलट), कैप्टन अक्षत उपाध्याय 20वीं बटालियन द जाट रेजिमेंट, नायब सूबेदार बारिया संजय कुमार भमर सिंह 21वीं बटालियन द महार रेजिमेंट, मेजर अमनदीप जाखड़ 4वीं बटालियन द सिख रेजिमेंट को सम्मानित किया गया.
कॉन्स्टेबल सफीउल्लाह कादरी जम्मू-कश्मीर पुलिस, मेजर विकास भंगभू सेना पदक, मेजर मुस्तफा बोहरा, राइफलमैन कुलभूषण मंटा जम्मू-कश्मीर राइफल्स, 52वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स, हवलदार विवेक सिंह तोमर 5वीं बटालियन राजपुताना राइफल्स, राइफलमैन आलोक राव 18 असम राइफल्स, कैप्टन एमवी प्रांजल सिग्नल कोर, 63वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार दिए गए.
अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. अपनी जान की परवाह किए बिना उन्होंने एक बड़ी आग की घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेजर दिग्विजय सिंह रावत, 21वीं बटालियन पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्सेज) को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. मणिपुर में उन्होंने एक खुफिया नेटवर्क स्थापित किया, जिससे वे सभी घाटी आधारित विद्रोही समूहों (VBIGs) का सटीक रूप से पता लगाने में सफल रहे. एक ऑपरेशन में उन्होंने तीन विद्रोहियों को पकड़ लिया था.