
देश के जाने-माने उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) को व्यापार और उद्योग क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण (Padma Bhushan) से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित गरिमामय समारोह में बिड़ला को सम्मानित किया. समारोह में कुल 106 हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
कुमार मंगलम बिड़ला इस सम्मान को हासिल करने के साथ ही बिड़ला परिवार में पद्म पुरस्कार पाने वाली चौथी हस्ती बन गए हैं. इससे पहले उनकी मां राजश्री बिड़ला को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. दादा बसंत कुमार बिड़ला को भी पद्म भूषण पुरस्कार मिला था. वहीं उनके परदादा घनश्याम दास बिड़ला पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित हुए थे.
इस अवॉर्ड को ग्रहण करते हुए कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि राष्ट्र निर्माण और ट्रस्टीशिप की भावना ने मेरे परिवार को पीढ़ियों से दिशा दिखाई है. ये सम्मान हासिल करना बेहद सुखद है. मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस सम्मान के लिए शुक्रिया अदा करता हूं. मैं इस अवॉर्ड को 36 देशों के अपने 1 लाख 40 हजार साथियों की ओर से ग्रहण कर रहा हूं. आदित्य बिरला ग्रुप ने जिंदगियों को समृद्ध करने में जो भूमिका निभाई है ये अवॉर्ड उसे मान्यता देता है.
36 देशों में फैला है कारोबार
महज 28 वर्ष की उम्र में बिड़ला ग्रुप की कमान संभालने के बाद कुमार मंगलम बिड़ला ने जिस तरह से इसका विस्तार किया, वो एक मिसाल है. लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाले कुमार मंगलम बिड़ला चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. वे आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन हैं जिसका कारोबार छह महाद्वीपों के 36 देशों में फैला हुआ है. ये ग्रुप करीब 140,000 लोगों को रोजगार दे रहा है.
कुमार मंगलम बिड़ला हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल और आदित्य बिड़ला कैपिटल सहित ग्रुप की सभी प्रमुख कंपनियों के बोर्ड के चेयरमैन हैं. बुधवार को ही जारी हुरून रिच लिस्ट में कुमार मंगलम बिड़ला 9वें नंबर पर हैं.
1995 में संभाली ग्रुप की कमान
कुमार मंगलम बिड़ला का जन्म 14 जून, 1967 को हुआ था. पिता आदित्य विक्रम बिड़ला के निधन के बाद 1995 में उन्होंने ग्रुप की कमान संभाली. उनके नेतृत्व में आदित्य बिड़ला ग्रुप ने देश-विदेश की करीब 40 कंपनियों को समूह का हिस्सा बनाया. उन्होंने अपनी काबिलियत और मेहनत से आदित्य बिड़ला ग्रुप का टर्नओवर 60 अरब डॉलर तक पहुंचाकर मिसाल पेश की.