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सबसे बड़ी जीत डॉ. राजेंद्र प्रसाद तो सबसे छोटी वीवी गिरी के नाम, जानें 15 राष्ट्रपति चुनावों के रिकॉर्ड

एनडीए की द्रौपदी मुर्मू देश की नई राष्ट्रपति चुन ली गईं हैं. इस चुनाव में मुर्मू की जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी. उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 28 फीसदी से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया है. द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति बनकर तीन रिकॉर्ड बना दिए हैं. जानें अब तक के सभी राष्ट्रपतियों की खास बातें...

द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. (फाइल फोटो-PTI) द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST
  • देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू
  • उन्होंने 28% वोटों के अंतर से जीता चुनाव
  • 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद शपथ लेंगी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) देश की 15वीं राष्ट्रपति चुन ली गईं हैं. वो देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. चुनाव आयोग के मुताबिक, मुर्मू को 6,76,803 यानी 64.03% वोट मिले हैं. जबकि, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 3,80,177 यानी 35.97% वोट मिले. 

राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग हुई थी. इसमें 99% वोट पड़े थे. 771 सांसद और 4,025 विधायकों ने वोट डाला था. छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी, सिक्किम और तमिलनाडु में 100% विधायकों ने वोट दिया था.

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अब मुर्मू 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. शपथ ग्रहण समारोह संसद के सेंट्रल हॉल में होगा. उन्हें चीफ जस्टिस एनवी रमणा शपथ दिलाएंगे.

इस चुनाव में पहले से ही मुर्मू की जीत तय मानी जा रही थी. क्रॉस वोटिंग ने भी उनकी जीत का अंतर बढ़ा दिया. उन्होंने 28 फीसदी से ज्यादा वोटों के अंतर से ये चुनाव जीता है. हालांकि, देश में सबसे ज्यादा अंतर से जीत का रिकॉर्ड पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम है. उन्होंने 1957 के चुनाव में 98.4% वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 31.3% वोटों के अंतर से जीते थे. 

देश के सभी राष्ट्रपति चुनावों की खास-खास बातें

- राजेंद्र प्रसादः देश के पहले ऐसे नेता जो लगातार दो बार राष्ट्रपति चुने गए. पहली बार 1952 और दूसरी बार 1957 में. राजेंद्र प्रसाद के नाम सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड है. 1957 के चुनाव में उन्हें 99% वोट मिले थे.

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- सर्वपल्ली राधाकृष्णनः देश के ऐसे राष्ट्रपति जो पहले उपराष्ट्रपति रहे थे. राधाकृष्णनन 1952 से 1957 तक उपराष्ट्रपति रहे थे. उन्हें 98 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे.

- जाकिर हुसैनः देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति थे. जाकिर हुसैन को 56 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे. हुसैन पहले राष्ट्रपति थे, जिनका निधन पद पर रहते हो गया था. 

- वीवी गिरीः सबसे छोटी जीत का रिकॉर्ड वीवी गिरी के नाम है. 1969 में हुए पांचवें राष्ट्रपति चुनाव में वीवी गिरी को 4,01,515 और नीलम संजीव रेड्डी को 3,13,548 वोट मिले थे. जीत का मार्जिन 87,967 वोटों का ही था. 

- फखरुद्दीन अली अहमदः देश के दूसरे राष्ट्रपति थे. इन्हीं के कार्यकाल में देश में इमरजेंसी की घोषणा हुई थी. इमरजेंसी हटने से कुछ दिन पहले ही 11 फरवरी 1977 को हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था. ये दूसरे राष्ट्रपति थे, जिनका पद पर रहते हुए निधन हो गया था.

- नीलम संजीव रेड्डीः देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जो निर्विरोध चुने गए थे. 1977 के चुनाव में 37 उम्मीदवार खड़े हुए थे. लेकिन 36 उम्मीदवारों का नामांकन खारिज हो गया था. इसके बाद 21 जुलाई 1977 को उनकी जीत की घोषणा हो गई थी.

- ज्ञानी जैल सिंहः देश के पहले सिख राष्ट्रपति हैं. इतना ही नहीं, ऐसे राष्ट्रपति भी हैं, जिन्होंने इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी के साथ काम किया. 

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- रामास्वामी वेंकटरमनः देश के 8वें राष्ट्रपति रहे रामास्वामी वेंकटरमन पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जब संसद में किसी को बहुमत नहीं मिला था. उनके दौर में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल रहा. उन्होंने अपने कार्यकाल में तीन प्रधानमंत्री- वीपी सिंह, चंद्र शेखर और पीवी नरसिम्हा राव की नियुक्ति की थी.

- शंकर दयाल शर्माः देश के ऐसे राष्ट्रपति रहे, जिन्होंने चार प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया. राष्ट्रपति पद संभालने से पहले शंकर दयाल शर्मा देश के उपराष्ट्रपति भी रहे थे. 

- केआर नारायननः 1997 के चुनाव में चुने गए केआर नारायनन देश के पहले दलित राष्ट्रपति थे. इतना ही नहीं, वो ऐसे भी पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की कैबिनेट की सिफारिश को पुनर्विचार के लिए भेज दिया था.

- एपीजे अब्दुल कलामः 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम को 'मिसाइल मैन' भी कहा जाता है. एनडीए ने अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया था. हुआ ये था कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने भी फिर कलाम को ही वोट दिया.

- प्रतिभा पाटिलः देश की पहली महिला राष्ट्रपति हैं. 2007 के चुनाव में किसी एक उम्मीदवार के नाम पर यूपीए में सहमति नहीं बन रही थी, जिसके बाद प्रतिभा पाटिल को उम्मीदवार बनाया गया था. उन्होंने विपक्ष के भैरों सिंह शेखावत को करीब 32% वोट के अंतर से हराया था.

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- प्रणब मुखर्जीः देश के पहले बंगाली राष्ट्रपति थे. 2012 के चुनाव में उन्होंने एनडीए के पीए संगमा को 38% से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. प्रणब मुखर्जी उन 6 राष्ट्रपतियों में से एक हैं, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है.

- रामनाथ कोविंदः देश के 14वें राष्ट्रपति हैं. केआर नारायनन के बाद रामनाथ कोविंद देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल में सभी 6 दया याचिकाओं को खारिज कर दिया. राष्ट्रपति चुने जाने से पहले कोविंद बिहार के राज्यपाल थे.

द्रौपदी मुर्मू ने बनाए तीन रिकॉर्ड

- पहलाः देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं. उनसे पहले 2012 में विपक्ष ने आदिवासी समुदाय से आने वाले पीए संगमा को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वो प्रणब मुखर्जी से हार गए थे.

- दूसराः देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. उनसे पहले 2007 के चुनाव में यूपीए उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल की जीत हुई थी. प्रतिभा पाटिल को लगभग 66 फीसदी वोट मिले थे.

- तीसराः देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति होंगी, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है. मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था.

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राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी दो बड़ी बातें

- पहलीः द्रोपदी मुर्मू को भले ही 64% से ज्यादा वोट मिले हों. लेकिन 1969 के बाद मुर्मू ऐसी उम्मीदवार हैं, जिन्हें सबसे कम वोट मिले हैं. 1969 के चुनाव में वीवी गिरी को 48% वोट मिले थे. पिछले चुनाव में रामनाथ कोविंद को 65.7% वोट हासिल हुए थे. दूसरे राष्ट्रपति चुनाव यानी 1957 में राजेंद्र प्रसाद को 99% वोट मिले थे.

- दूसरीः 1997 से हर चुनाव में सिर्फ दो ही उम्मीदवार खड़े हो रहे हैं. जबकि, उससे पहले तक दो से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में होते थे. सबसे ज्यादा 17 उम्मीदवार 1967 के चुनाव में थे. उस चुनाव में डॉ. जाकिर हुसैन ने जीत हासिल की थी. 1969 में हुए चुनाव में भी 15 उम्मीदवार खड़े हुए थे. 

नए राष्ट्रपति को जानें

20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में जन्म हुआ. वो आदिवासी संथाल परिवार से ताल्लुक रखतीं हैं. उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से शादी की है. उन्होंने एक टीचर के रूप में करियर शुरू किया. फिर क्लर्क की नौकरी की. 1997 में पार्षद बनीं. 2000 और 2009 में मयूरभंज की रायगंज सीट से दो बार विधायक बनीं. मई 2015 में झारखंड की राज्यपाल बनीं.

 

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