
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंगलवार को एम्स में की गई बाईपास सर्जरी सफल रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दिल्ली एम्स में मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सफल बाईपास सर्जरी की गई. इसके लिए उन्होंने एम्स के डॉक्टरों को धन्यवाद भी किया है. बता दें कि 26 मार्च को राष्ट्रपति को सीने में दर्द की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्हें पहले आर्मी अस्पताल में रूटिन चेकअप के लिए ले जाया गया और बाद में एम्स में भर्ती किया गया था.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा, "एम्स दिल्ली में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सफल बाईपास सर्जरी हुई. मैं डॉक्टरों को इसके लिए धन्यवाद देता हूं. राष्ट्रपति की हेल्थ को लेकर मैंने एम्स के डायरेक्टर से बात की है. मैं उनकी (राष्ट्रपति की) सलामती और जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं."
27 मार्च से थे अस्पताल में भर्ती
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तबीयत 26 मार्च को अचानक बिगड़ गई. उन्हें सीने में दर्द की शिकायत थी. इसके बाद उन्हें पहले दिल्ली के आर्मी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका रूटिन चेकअप हुआ. बाद में 27 मार्च को डॉक्टरों ने उन्हें एम्स रेफर कर दिया. वो तब से ही एम्स में भर्ती थे और वहीं से सारा काम संभाल रहे थे.
दिल्ली में LG ही 'सरकार' बिल को अस्पताल से ही मंजूरी दी
अस्पताल में ही राष्ट्रपति ने सोमवार यानी 29 मार्च को ही दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2021 (GNCT Bill) को मंजूरी दी. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब ये कानून बन गया है. इसके कानून बनने के बाद अब दिल्ली में उपराज्यपाल की ताकतें भी बढ़ गई हैं. कानून कहता है कि दिल्ली की सरकार को कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले उपराज्यपाल की राय लेना जरूरी होगा.
क्या होती है बाईपास सर्जरी?
जब हृदय की नसें ब्लॉक हो जाती हैं तो बाईपास सर्जरी की जाती है. बाईपास सर्जरी में छाती में चीरा लगाकर अंदर से एक धमनी जिसे इंटरनल थोरेसिक आर्टरी कहते हैं, उसका ऑपरेशन किया जाता है. इसमें पहले हाथ या पैर की नस लेते हैं और इसका इस्तेमाल वाहक नली के तौर पर करते हैं. ये तभी किया जाता है जब हृदय की तीनों मुख्य धमनियों में समस्या होती है. इसको बाईपास सर्जरी इसलिए कहते हैं क्योंकि जहां पर ब्लॉकेज होती है उससे आगे बाईपास नली के जरिए हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह कराया जाता है.