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लाल किले में हिंसा की राष्ट्रपति ने की निंदा, कहा- गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और लाल किले पर हुए विवाद की निंदा की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे का अपमान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

लाल किले पर प्रदर्शनकारियों ने फहराया था झंडा (फाइल: PTI) लाल किले पर प्रदर्शनकारियों ने फहराया था झंडा (फाइल: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST
  • संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संबोधन
  • दिल्ली हिंसा की राष्ट्रपति ने निंदा की

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और लाल किले पर हुए विवाद की निंदा की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे का अपमान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.’

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आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी, इस दौरान दिल्ली में जमकर हिंसा हुई थी. इसी बीच लाल किले पर हजारों प्रदर्शनकारी घुसे, वहां पर तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं लाल किले के प्राचीर पर निशान साहिब का झंडा फहराया गया, जिसकी काफी निंदा की गई.

इसी मसले पर दिल्ली पुलिस की ओर से केस भी दर्ज किया गया है और एक्शन जारी है. दिल्ली पुलिस ने लाल किले हिंसा और ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में बीस से अधिक किसान नेताओं पर केस दर्ज किया है. 

पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।

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— President of India (@rashtrapatibhvn) January 29, 2021


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में नए कृषि कानून और उनके खिलाफ जारी आंदोलन का जिक्र किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वर्तमान में कृषि कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है, मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले, ‘मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.’ 

 

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