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नफरत फैलाने वाले बयानों पर चुप्पी तोड़ें पीएम मोदी, कांग्रेस नेता शशि थरूर बोले

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब चुप्पी तोड़नी चाहिए. इसके साथ ही ऐसे व्यवहार को रोकने का आह्वान करना चाहिए. थरूर ने कहा कि ऐसी घटनाएं इस्लामिक देशों के साथ संबंधों को कमजोर करेंगी.

कांग्रेस नेता शशि थरूर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) कांग्रेस नेता शशि थरूर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST
  • नूपुर शर्मा ने की थी विवादित टिप्पणी
  • देश के कई हिस्सों में हुआ था प्रदर्शन

भाजपा नेताओं की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद शुरू हुए बवाल के बीच लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि अब पीएम मोदी को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए. शशि थरूर ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत सरकार ने इस्लामिक देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए भले ही "प्रभावशाली कदम" उठाए हों, लेकिन अब ये संबंध कमजोर हो सकते हैं. थरूर ने कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नफरत फैलाने वाले बयानों पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.

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एजेंसी के मुताबिक कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादत टिप्पणी पर कई इस्लामिक देशों की नाराजगी सामने आई. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया, जबकि उन्हें दखल देना चाहिए था. थरूर ने कहा कि मेरा मानना ​​​​है कि यही उचित समय है कि पीएम मोदी हमारे देश में अभद्र भाषा और इस्लामोफोबिक घटनाओं को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ें.

शशि थरूर ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए सामाजिक एकता और राष्ट्रीय सद्भाव जरूरी है. लिहाज पीएम मोदी को सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के नाम पर इस तरह के व्यवहार को रोकने का आह्वान करना चाहिए.

कूटनीति और विदेश नीति के प्रभाव के बारे में थरूर ने कहा कि विडंबना यह है कि हाल के वर्षों में भारत सरकार ने इस्लामिक देशों खासकर खाड़ी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रभावशाली कदम उठाए हैं. लेकिन इस तरह की घटनाएं उन संबंधों को कमजोर करेंगी.

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थरूर ने देश में ईशनिंदा कानूनों को लेकर कहा कि वह ऐसे कानूनों की सराहना नहीं करते न ही ऐसे कानूनों की वकालत करते हैं क्योंकि दूसरे देशों में ऐसे कानूनों का इतिहास उनके दुरुपयोग से भरा पड़ा है. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को विवादित बयानों के बाद चुप्पी तोड़नी चाहिए. पी चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री की चुप्पी चौंकाने वाली है, यह दुखद है कि जब विपक्षी दलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, विद्वानों ने इस्लामोफोबिया को खत्म करने के लिए सरकार को आगाह किया तो इस पर ध्यान नहीं दिया गया.

 

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