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प्रियंका गांधी की संसदीय पारी का आगाज, अब पार्लियामेंट में एक साथ दिखेंगे गांधी फैमिली के तीन मेंबर

प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड सांसद के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है. लोकसभा सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए राज्यसभा सांसद अपनी मां सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ पहुंचीं थी. उन्होंने शपथ ग्रहण के दौरान राहुल गांधी की तरह अपने हाथ संबिधान को पकड़ा हुआ था.

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी.
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:36 AM IST

प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड सांसद के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है. इस दौरान उन्होंने अपने हाथ में कांग्रेस सांसद और अपने भाई राहुल गांधी की तरह शपथ ग्रहण करते वक्त संविधान को पकड़ा हुआ था. वह राज्यसभा सांसद और अपनी मां सोनिया गांधी और राहुली गांधी के साथ संसद भवन पहुंचीं थीं. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं.

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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट पर हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव में धमाकेदार जीत हासिल की थी. उन्होंने सीपीआई के सत्यन मोकेरी को 4 लाख, 10 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था.

वहीं, उपचुनाव में अपनी जीत के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आपने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं कृतज्ञता से अभिभूत हूं. मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि समय के साथ, आप वास्तव में महसूस करें कि यह जीत आपकी जीत है और जिस व्यक्ति को आपने प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है वह आपकी आशाओं और सपनों को समझता है और आपके लिए लड़ता है आपमें से एक, मैं संसद में आपकी आवाज़ बनने के लिए उत्सुक हूं.
 

उत्साहित हैं कांग्रेस कार्यकर्ता

कांग्रेस कार्यकर्ता लंबे वक्त से प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने की मांग कर रहे थे. लेकिन बीते दिनों जैसे ही प्रियंका के वायनाड सीट से उपचुनाव लड़ने का आधिकारिक ऐलान हुआ तो देश भर के कांग्रेस कार्यकर्ता ने खुशी जताई और अब उनके सांसद के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं.

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प्रियंका की राजनीति में एंट्री

आपको बता दें कि साल 2019 में पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी कांग्रेस महासचिव नियुक्त किए जाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजनीति में एंट्री की थी. एक साल बाद उन्हें पूरे राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई.

जबकि उनकी पार्टी 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में प्रभाव डालने में विफल रही, उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में सबसे पुरानी पार्टी को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ऐसी अटकलें भी थीं कि प्रियंका गांधी वाड्रा को रायबरेली से मैदान में उतारा जाएगा.हालांकि, उन्होंने संगठनात्मक जिम्मेदारियों के कारण चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.

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