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Pulwama Attack: CRPF पर हमला कर आतंकियों ने दी थी सबसे बड़ी चोट, भारत ने 12 दिन में ले लिया था 40 सपूतों की शहादत का बदला

पुलवामा में हुए आतंकी हमले को आज 4 साल पूरे हो गए हैं. 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने पुलवामा में CPRF के काफिले में विस्फोटक लेकर जा रहे एक वाहन को टक्कर मार दी थी. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. ये हमला दोपहर करीब 3:00 बजे हुआ था. भारत ने इस हमले का 12 दिन बाद ही बदला ले लिया था.

पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को CRPF के काफिले पर हमला हुआ था (फाइल फोटो) पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को CRPF के काफिले पर हमला हुआ था (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST

पुलवामा में हुए टेरेरिस्ट अटैक को आज 4 साल पूरे हो गए हैं. 14 फरवरी 2019 को दोपहर करीब 3:00 बजे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक आतंकवादी ने श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CPRF) के काफिले में विस्फोटक लेकर जा रहे एक वाहन को टक्कर मार दी थी. पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर किए गए हमले में सीआरपीएफ के करीब 40 जवान शहीद हो गए थे. CRPF के काफिले में 78 बसें थीं. इस अटैक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. इस काफिल में सीआरपीएफ के लगभग 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर की यात्रा कर रहे थे. हालांकि भारत ने महज 12 दिनों में ही 'नापाक' पाक से बदला ले लिया. भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था.

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आतंकी हमले के बाद जवानों को नजदीक के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन मौके पर ही बड़ी संख्या में जवान शहीद हो गए थे. इस घटना को अंजाम देने वाले हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था. इसके अलावा, हमले में सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान आदि जैसे आतंकियों के भी हाथ थे, जिसे बाद में सेना ने मौत के घाट उतार दिया. मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की, जिसमें उसने साढ़े 13 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. संयुक्त राष्ट्र और दुनियाभर के कई देशों ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की थी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को अपना समर्थन दिया था.

वहीं, जवानों के पार्थिव शरीर को वायुसेना के विशेष विमान द्वारा पालम वायुसेना इलाके में लाया गया था, जहां तत्कालीन गृह मंत्री और वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े मंत्री मौजूद थे. शहीदों के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी. 

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हमले के बाद 17 फरवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि मैं अपने दिल में वही आग महसूस करता हूं, जो आपके अंदर भड़क रही है. उन्होंने कहा था कि "सभी आंसुओं का बदला लिया जाएगा" और सशस्त्र बलों को "दुश्मन के खिलाफ प्रतिशोध की जगह, समय को तय करने की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है".

26 फरवरी, 2019 को रात के तकरीबन तीन बजे भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) को पार करके बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को धवस्त कर दिया था. सूत्रों के अनुसार, इस हमले में पाकिस्तान द्वारा पोषित 300 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया. एयरस्ट्राइक में तकरीबन हजार किलो बम आतंकी ठिकानों पर बरसाए गए थे. पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से बदला लेने का प्लान बनाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनएसए अजित डोभाल को दी थी. उनके अलावा, तत्कालीन वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने भी एयरस्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी.

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