
पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पुणे पोर्श कार दुर्घटना की जांच रिपोर्ट जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को सौंप दी है. इस रिपोर्ट के जरिए जेजे बोर्ड को घटना की पूरी जानकारी दे दी गई है. रिपोर्ट में दुर्घटना की पूरी जानकारी, होटल और अन्य जगहों के सीसीटीवी फुटेज, कार में सवार ड्राइवर, कार में मौजूद दो अन्य बच्चे, उसके दोस्त जो पार्टी में मौजूद थे, प्रत्यक्षदर्शी जिन्होंने नाबालिग को गाड़ी चलाते देखा, शामिल है.
इन सबके बारे में विस्तृत जानकारी जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को दे दी गई है. जांच रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल ने पैसे दिए थे. आरोपी अशफाक माकंदर ने नाबालिग के ब्लड सैंपल्स बदलने के लिए ससून अस्पताल के वार्ड बॉय अतुल घटकंबले को 3 लाख रुपए का भुगतान किया था.
विशाल अग्रवाल ने दिए थे 3 लाख रुपए
घाटकांबले ने डॉ. श्रीहरि हल्नोर को ढाई लाख रुपए दिए और 50 हजार अपने पास रख लिए. पुलिस जांच में पता चला कि विशाल अग्रवाल ने कल्याणीनगर के एक होटल में अशफाक मकंदर को 3 लाख रुपए दिए थे.
दुर्घटना के बाद मेडिकल टेस्ट के दौरान ससून अस्पताल में नाबालिग के ब्लड सैंपल्स बदल दिए गए थे. अब यह साफ हो गया है कि डॉ. हैल्नोर ने ब्लड सैंपल्स की अदला-बदली की, जो लड़के की मां शिवानी अग्रवाल के थे.
कचरे में फेंके गए ब्लड सैंपल
बच्चे का अल्कोहल टेस्ट नेगेटिव आने के लिए ससून अस्पताल में डॉक्टरों की मदद से शिवानी अग्रवाल का खून लिया गया था. जांच में पता चला कि सबूत मिटाने के इरादे से नाबालिग का खून बायो-मेडिकल कचरे में फेंक दिया गया था.
ससून में एक कंपनी बायो मेडिकल वेस्ट कलेक्ट करने का काम करती है. पुलिस कंपनी से जानकारी ले रही है कि असली ब्लड सैंपल का वास्तव में क्या हुआ जिसे कचरे में फेंका गया था.