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पुरानी पेंशन बहाल करेगी पंजाब सरकार! केजरीवाल ने बताया महान फैसला

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर बताया कि पंजाब सरकार पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) को वापस लाने पर विचार कर रही है. इसको लेकर मैंने अपने मुख्य सचिव से बात की है और उन्हें इसके लागू करने के बारे में अध्ययन करने को कहा है. हम अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं.  

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST

पंजाब सरकार राज्य में पुरानी पेंशन बहाली को वापस लाने पर विचार कर रही है. अगर राज्य में पुरानी पेंशन बहाल होती है तो राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड के बाद ये चौथा राज्य होगा, जहां पुरानी पेंशन प्रणाली होगी. इसको लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर जानकारी दी है. 

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर बताया कि पंजाब सरकार पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) को वापस लाने पर विचार कर रही है. इसको लेकर मैंने अपने मुख्य सचिव से बात की है और उन्हें इसके लागू करने के बारे में अध्ययन करने को कहा है. हम अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं.  

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वहीं पंजाब सरकार के इस निर्णय पर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने महान बताया है. उन्होंने कहा कि देश के सभी सरकारी कर्मचारी चाहते हैं कि पुरानी पेंशन योजना बहाल हो. 

झारखंड में लागू हुई पुरानी पेंशन योजना

इससे पहले झारखंड में हेमंत सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है. राज्य मंत्रिमंडल ने इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को मंजूरी दे दी है. राज्य में पुरानी पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दिया गया था और इसे राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) से बदल दिया गया था. 

15 जुलाई की कैबिनेट में पास हुआ प्रस्ताव

कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि 15 जुलाई को हुई पिछली कैबिनेट बैठक में नई अंशदायी पेंशन योजना को खत्म करते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया था. उन्होंने बताया कि इस संबंध में निर्णय लिया गया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए एक एसओपी तैयार की जाएगी, जिसे आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. योजना को एक सितंबर से प्रभावी माना जाएगा. 

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14 फीसदी राज्य सरकार देती है योगदान 

बता दें कि पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार देती है. एनपीएस में कर्मचारी अपने वेतन का 10 फीसदी पेंशन में योगदान करते हैं जबकि राज्य सरकार 14 फीसदी योगदान करती है. पुरानी पेंशन योजना के लागू होने से झारखंड सरकार के करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.
 

 

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