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पुरी जगन्नाथ मंदिर में इस घी से बनेगा प्रसाद, बाहर से लाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बाला मंदिर के प्रसाद के घी में मिलवाट की शिकायत के बाद मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. पुरी श्रीमंदिर ने घोषणा की है कि महाप्रसाद की तैयारी और मंदिर में दीप जलाने के लिए केवल ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (OMFED) से मिले घी का उपयोग किया जाएगा.

पुरी जगन्नाथ मंदिर पुरी जगन्नाथ मंदिर
अजय कुमार नाथ
  • भुवनेश्वर,
  • 16 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के घी में मिलवाट की शिकायत के बाद मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. अब पुरी श्रीमंदिर ने घोषणा की है कि महाप्रसाद की तैयारी और मंदिर में दीप जलाने के लिए केवल ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (OMFED) से मिले घी का उपयोग किया जाएगा.

मंदिर में अन्य ब्रांडों का घी लाने वालों के खिलाफ कार्रवा
एक बैठक के दौरान मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि ओमफेड घी (OMFED Ghee) इन पवित्र प्रसादों का एकमात्र स्रोत रहेगा. इसी घी से प्रसाद बनेगा. बैठक के बाद, मंदिर के मुख्य प्रशासक ने औपचारिक रूप से ओमफेड के प्रबंध निदेशक को इस निर्णय के बारे में जानकारी दी. उन्होंने आपूर्ति को सुविधाजनक बनाने के लिए एक विशेष डिपो की स्थापना का अनुरोध किया. मंदिर प्रशासन ने चेतावनी दी कि श्रीमंदिर में अन्य ब्रांडों से घी लाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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मुख्य प्रशासक ने पत्र में लिखा, 'मंदिर के अंदर महाप्रसाद तैयार करने और दीये जलाने के लिए केवल OMFED घी का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है. इस पर अधिकारियों के साथ चर्चा और सहमति हो गई है. इसलिए, OMFED से अनुरोध है कि मंदिर में OMFED Ghee की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं.'

प्रसाद के लिए सालाना 14 से 15 करोड़ रुपये का खर्च
हाल ही में ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने घोषणा की कि पुरी जगन्नाथ मंदिर में आने वाले भक्तों को जल्द ही एक नई पहल के तहत मुफ्त महाप्रसाद मिलेगा, जिसे सरकार लागू करने की योजना बना रही है. मंत्री ने खुलासा किया कि इस योजना से राज्य के खजाने पर सालाना 14 से 15 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, लेकिन इसका बोझ सरकार पर नहीं पड़ेगा. इसके बजाय, जनता और भक्तों से मिलने वाले दान से कार्यक्रम को चलाने में मदद मिलेगी. 

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मंत्री ने कहा, 'हमने दुनिया भर के भक्तों से मदद और सहयोग मांगा है और कई लोग इस अभियान का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं. एक बार पहल शुरू हो जाने के बाद, भक्त दर्शन के बाद घर लौटते समय अपने परिवार के लिए महाप्रसाद अपने साथ ले जा सकेंगे.' उन्होंने कहा, 'हमें यकीन है कि इस अभियान में योगदान देने के लिए कई लोग आगे आएंगे.'

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