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अल्लू 'पुष्पा' अर्जुन जेल से आए बाहर, लेकिन तेलंगाना में हर तरफ क्यों है साजिशों की गूंज

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जेल से अल्लू अर्जुन शनिवार सुबह घर लौटे. जेल से अल्लू अर्जुन शनिवार सुबह घर लौटे.
टी एस सुधीर
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST

'पुष्पा 2' में अल्लू अर्जुन का एक डायलॉग है, 'अगर मेरी बच्ची को खरोंच भी आई, तो मैं सबको काट डालूंगा.' ये डायलॉग उनके दमदार किरदार की पहचान है. अब जरा रियल लाइफ की बात करते हैं. 

4 दिसंबर की शाम, 35 साल की रेवती अपने पति भास्कर और दो बच्चों के साथ हैदराबाद के संध्या थिएटर में 'पुष्पा 2' का शो देखने पहुंची थीं. अल्लू अर्जुन भी वहां अपनी फिल्म देखने पहुंचे. जैसे ही लोगों को अर्जुन की मौजूदगी का पता चला, भीड़ बेकाबू हो गई. धक्का-मुक्की में रेवती और उनके 9 साल के बेटे श्री तेज बेहोश हो गए. रेवती को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वहीं श्री तेज अभी भी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है.  

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अर्जुन पर मामला दर्ज, गिरफ्तारी और जेल

शुक्रवार को हैदराबाद पुलिस ने इस भगदड़ के लिए अल्लू अर्जुन और 10 अन्य लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए मामला दर्ज किया. कहा गया कि सुरक्षा इंतजाम पुख्ता नहीं थे. तेजी से बदलते घटनाक्रम में अर्जुन को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. हालांकि तेलंगाना हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन कागजी कार्रवाई देर से पूरी होने की वजह से अर्जुन को रात जेल में बितानी पड़ी. जिसके बाद अगले दिन (शनिवार) सुबह वो अपने घर लौटे.  

इस घटना से तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में हलचल मच गई. सवाल उठने लगे कि आखिर एक नेशनल अवॉर्ड विजेता की गिरफ्तारी इतनी आसानी से नहीं हो सकती? लोग कहने लगे कि इसके पीछे सत्ता का खेल है. इससे पहले अगस्त में भी तेलुगू अभिनेता नागार्जुन की प्रॉपर्टी एन-कन्वेंशन को अवैध निर्माण के आरोप में ध्वस्त कर दिया गया था.  

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पुलिस या प्रशासन, किसकी गलती?

थिएटर प्रबंधन ने पुलिस को पहले ही पत्र लिखकर अर्जुन की मौजूदगी की सूचना दी थी. लेकिन पुलिस का कहना है कि इस पत्र को सिर्फ एक सामान्य सूचना के तौर पर लिया गया. वहीं, थिएटर प्रबंधन का मानना था कि पुलिस खुद ही सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगी. उस दिन थिएटर के बाहर पुलिस की संख्या काफी कम थी.  

अर्जुन की बढ़ती फैन फॉलोइंग, प्रशासन के लिए चुनौती

अर्जुन का कहना है कि वो पिछले 20 सालों से अपने फिल्मों के शो थिएटर में देखते आए हैं और ऐसा कुछ भी पहले कभी नहीं हुआ. लेकिन 'पुष्पा' के बाद उनकी फैन फॉलोइंग में जो इजाफा हुआ है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. भारत में फिल्म, धर्म और राजनीति से जुड़े आयोजनों में भगदड़ आम बात है. लेकिन ऐसा कम ही होता है कि किसी बड़े स्टार को इस तरह गिरफ्तार किया जाए.  

राजनीति का एंगल

कुछ लोग इसे साजिश मान रहे हैं. अर्जुन ने इस साल वाईएसआरसीपी के एक उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था, जबकि उनके अंकल पवन कल्याण उस पार्टी के खिलाफ थे. इससे पवन कल्याण और अर्जुन के फैंस के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई थी. 'पुष्पा 2' के कुछ डायलॉग्स को पवन कल्याण और रामचरण के खिलाफ माना गया. इन घटनाओं ने राजनीतिक और फिल्मी दुनिया में तनाव पैदा कर दिया था.  

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अर्जुन के ससुराल पक्ष का कांग्रेस से जुड़ाव भी इस मामले को तूल दे रहा है. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि एक कार्यक्रम के दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री का नाम भूल जाने के कारण अर्जुन को सत्ता पक्ष की नाराजगी मोल लेनी पड़ी.  

'झुकेगा नहीं' का असर?

शुक्रवार का दिन फिल्मी सितारों के लिए खास होता है, लेकिन अल्लू अर्जुन को ये दिन एक ऐसे मोड़ पर ले आया जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. शायद किसी को ये दिखाना था कि 'झुकेगा नहीं' वाला रवैया हर जगह नहीं चलता.

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

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