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'BJP की शर्मनाक कट्टरता ने हमें अलग-थलग किया', अरब में एंटी इंडिया मूड के बीच राहुल गांधी का केंद्र पर वार

पैगंबर पर बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के बाद मचा हंगामा शांत नहीं हो रहा है. इस मुद्दे पर अरब देशों की प्रतिक्रिया के बाद अब राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला किया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो) कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST
  • 'अंदर से बंटा भारत बाहर कमजोर हो जाता है'
  • अरब देशों में भारत को झेलनी पड़ी आलोचना
  • राहुल-चिदंबरम का सरकार पर वार

खाड़ी देशों में एंटी इंडिया मूड के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर करारा हमला किया है. राहुल गांधी ने कहा है कि बीजेपी की शर्मनाक कट्टरता ने हमें अलग-थलग कर दिया है. इससे दुनिया भर में भारत की छवि को भी नुकसान पहुंचा है. गौरतलब है कि बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर एक विवादित टिप्पणी के बाद अरब के कई देशों में भारत का विरोध शुरू हो गया था. 

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इस मामले में केंद्र सरकार और बीजेपी पर विपक्षी पार्टियों ने भी हमला किया. राहुल गांधी ने ट्विटर पर बयान देते हुए कहा कि, "जब भारत अंदर से बंटा होता है तो बाहर से कमजोर हो जाता है. बीजेपी की शर्मनाक कट्टरता ने न सिर्फ हमें अलग-थलग कर दिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है."

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी इस मामले में मोदी सरकार पर हमला किया. उन्होंने ट्वीट किया, "घरेलू आलोचना ने भाजपा को दो प्रवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाध्य नहीं किया. यह केवल अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया थी जिसने भाजपा को कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया. नूपुर शर्मा और नवीन कुमार इस्लामोफोबिया के मूल निर्माता नहीं थे. याद रखिए, वे राजा से ज्यादा वफादार होने की कोशिश कर रहे थे."

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बीजेपी ने इस परिस्थिति से निपटने के लिए न सिर्फ नूपुर शर्मा को पार्टी से सस्पेंड कर दिया बल्कि एक बयान जारी कर कहा कि भाजपा सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धर्म के पूजनीयों का अपमान बीजेपी को स्वीकार्य नहीं है. 

हालांकि बीजेपी और केंद्र सरकार ने जब तक एक्शन लिया तब तक ये मामला बढ़ चुका था. कुवैत, कतर, सऊदी अरब, बहरीन जैसे कई देशों में भारत को असहज स्थिति झेलनी पड़ी और इस मामले में सफाई देनी पड़ी कि उक्त नेता के विचार किसी भी रूप में भारत सरकार के विचार नहीं है. 

 

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