
भारतीय वायुसेना में पिछले दिनों शामिल हुए राफेल लड़ाकू विमान का एक सीधा नाता वाराणसी से भी जुड़ गया है. जिसकी वजह बनी हैं फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह. फाइटर प्लेन राफेल उड़ाने के तमाम इम्तिहान में पास होने के बाद काशी की शिवांगी राफेल के स्क्वाड्रन में शामिल हो गई हैं और वह राफेल उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनने जा रही हैं.
शिवांगी सिंह के पहली महिला फाइटर पायलट बनने के बाद उनके परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं है. वाराणसी के फुलवरिया इलाके के एक आम परिवार में जन्मी फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह तीन साल पहले उस वक्त सुर्खियों में आईं जब उनके सिर पहली महिला फाइटर पायलट बनने का ताज सजा.
अब उनके नाम एक और कीर्तिमान होने जा रहा है. इस बार वह राफेल फाइटर प्लेन को उड़ाने वाली स्क्वाड्रन में शामिल होने जा रही हैं, जिससे उनके परिजनों और पूरे इलाके में खुशी का माहौल है.
'अब देश को दुश्मनों से भी बचाएगी'
इस बारे में शिवांगी की मां सीमा सिंह बताती हैं कि उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है क्योंकि उनकी बेटी देश के लिए लड़ाई लड़ेगी और देश की हिफाजत करेगी. इससे पहले भी 2017 में हैदराबाद गई थी जब शिवांगी को एयरफोर्स ने कमीशंड किया था. उस वक्त भी बहुत खुशी हुई थी. वे बताती हैं कि शिवांगी ने स्कूल, कॉलेज से लेकर एनसीसी और एयरफोर्स तक में अपना नाम रोशन किया है और अब देश को दुश्मनों से भी बचाएगी.
शिवांगी सिंह के छोटे भाई मयंक ने बताया कि उनको अपने दीदी से प्रेरणा मिली है कि वे भी आर्मी में जाएं. वे बताते हैं कि मैं भी एनडीए ज्वाइन करना चाहता हूं. जहां तक शिवांगी दीदी की बात है तो वे पढ़ाई में हमेशा से ही टॉपर रही हैं और देश के प्रति भी हमेशा से समर्पित रही हैं.
मयंक ने बताया कि उनके नाना जो आर्मी में कर्नल थे जब एक बार एयरफोर्स बेस के पास शिवांगी को ले गए थे तो तभी दीदी ने यूनिफॉर्म में पायलट को देखा था, तभी से उन्होंने एयरफोर्स ज्वाइन करने की ठान ली थी.
शिवांगी के पिता सुशील सिंह ने बताया कि उनको बहुत खुशी और गर्व हो रहा है. उन्होंने बताया कि सब कुछ शिवांगी पर छोड़ दिया गया था. हम सिर्फ उसका उत्साह बढ़ाते थे. ये भी गर्व की बात है कि लोगों के कुनबे की पहचान उनके बेटों से होती है, लेकिन उन्हें अपनी बेटी से हो रही है.
'शिवांगी दीदी बनी प्रेरणा'
शिवांगी के पड़ोसी और परिजन जो उनको बचपन से देखते चले आ रहे हैं, उनमें से एक सुधीर सिंह कहना है कि शिवांगी शुरू से ही अलग रही हैं और हमेशा से ही अपने लक्ष्य को केंद्रित करना जानती हैं. उनका सिर्फ अपने पढ़ाई और खेल-कूद पर ही ज्यादा फोकस हुआ करता था.
तो वहीं शिवांगी की रिश्ते में बुआ, लेकिन उम्र में छोटी जान्हवी शिवांगी को दीदी ही कहती हैं. उन्होंने बताया कि शिवांगी दीदी ने साबित कर दिया है कि लड़कियां किसी से कम नहीं हैं. इससे अन्य लड़कियों के लिए भी शिवांगी दीदी एक प्रेरणा की तरह बन गई हैं.