
आम आदमी पार्टी (AAP) के पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बेअदबी के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. शुक्रवार को राघव चड्ढा ने बेअदबी करने वालों को कड़ी सजा दिलाने के लिए संसद में बेअदबी से संबंधित आईपीसी की धारा में संशोधन कर सख्त बनाने की मांग की.
उन्होंने राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन से संबंधित नियम 267 के अंतर्गत शुक्रवार को राज्यसभा में सूचीबद्ध कार्यों के निलंबन के लिए सदन में नोटिस दिया. सभापति ने जब बेअदबी पर चर्चा कराने से इंकार कर दिया तो राघव चड्ढा ने इसका विरोध किया. इसके बाद वह संसद भवन के बाहर गांधी जी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए और बेअदबी पर चर्चा कराने की मांग करने लगे.
सभापति को दिए अपने लिखित नोटिस में चड्ढा ने कहा कि यह सदन नियम 29 के तहत सूचीबद्ध कार्य निलंबित कर बेअदबी के बढ़ते मामलों पर चर्चा करे. यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसकी वजह से दुनियाभर में रह रहे पंजाबियों में भारी गुस्सा और रोष है.
उन्होंने कहा कि हमारे लिए हमारे गुरु साहिबान के आदर और सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं है. हम अपना शीश कटा सकते हैं. अपनी जान दे सकते हैं, लेकिन गुरु साहिब की बेअदबी बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ वर्षों में असामाजिक तत्वों द्वारा कई बार पंजाब में गुरु साहिब की बेअदबी की कोशिशें हुईं.
साल 2015 में बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की गई. फिर लुधियाना में पवित्र श्रीमद् भगवद् गीता की बेअदबी हुई. मुकद्दस कुरान की भी बेअदबी की घटनाएं सामने आईं. बेअदबी से संबंधित आईपीसी की धारा 295 और 295A में इस अपराध के लिए तय की गई सजा इतनी कम है कि ऐसे संगीन अपराध को अंजाम देने वालों के हौसले बहुत बुलंद हो चुके हैं.
उन्होंने कहा कि इस कानून में शीघ्र संशोधन कर सख्त बनाने की जरूरत है, ताकि बेअदबी करने वालों को आजीवन कारावास या उससे भी कड़ी सजा दी जा सके. इसलिए इस सदन को इंडियन पैनल कोड (आईपीसी) के धारा 295 में संशोधन करने पर विचार करना चाहिए.
राघव चड्ढा ने लिखा कि पंजाब भाईचारे और एकता की मिसाल दुनिया के सामने हमेशा से पेश करते आया है. इसलिए मैं सदन से यह मांग करता हूं कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मकसद से बेअदबी की घटनाओं को रोकने के लिए इससे संबंधित कानून को और सख्त बनाया जाए.