
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि LIC, SBI और EPFO की पूंजी अडानी को दी जा रही है, लेकिन इसे लेकर न तो कोई जांच की जा रही है, न ही कोई जवाबदेही है. आखिर पीएम मोदी को इतना डर क्यों हैं? दरअसल, राहुल गांधी ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. जिसमें कहा गया था कि ईपीएफओ सब्सक्राइबर भी अडानी के दो शेयरों के 'कैप्टिव निवेशक' हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर पूछा कि जनता के रिटायरमेंट का पैसा अडानी की कंपनियों में निवेश क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि ‘मोडानी’ के खुलासे के बाद भी ये क्यों हो रहा है. राहुल ने पूछा प्रधानमंत्री जी, न जांच... न जवाब! आख़िर इतना डर क्यों हैं?
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक EPFO के अधिकांश निवेश निफ्टी 50 शेयरों में किए जाते हैं, जिनमें अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स एंड SEZ शामिल हैं, हालांकि ये हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद डूब गए हैं.
सांसदी जाने के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस नेता लगातार केंद्र और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि अडानी का नरेंद्र मोदी से क्या रिश्ता है? इन लोगों से मुझे डर नहीं लगता. अगर इनको लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मुझे बंद कर सकते हैं. मैं हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा.'
राहुल गांधी ने कहा था कि मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या बाहर हूं. मुझे अपनी तपस्या करनी है, मैं उसे करके दिखाऊंगा. ये मुझे मारें, पीटे या जेल में डालें, लेकिन मैं अपनी तपस्या जारी रखूंगा. यह पूरा ड्रामा है जो प्रधानमंत्री को एक साधारण सवाल से बचाने के लिए किया गया है. अडानी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके गए? मैं इन धमकियों, अयोग्यताओं या जेल की सजा से डरने वाला नहीं हूं.'
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