
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दीपेश चक्रवर्ती के साथ राजीव गांधी और इंदिरा गांधी से जुड़े कई मुद्दों पर बात की. जब राहुल से पूछा गया कि आपके परिवार के दो लोगों (राजीव-इंदिरा) ने पीएम रहते हुए जान गंवाई इस पर आप क्या सोचते हैं? इस सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि मुझे गर्व है कि उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया. उनकी जान के मायने हैं.
मोदी सरकार के काम पर कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां लाखों लोग गरीबी रेखा में जीवन यापन करते हैं. उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए गए. लोगों में गुस्सा है. वे नौकरी चाहते हैं, पैसा कमाना चाहते हैं. लेकिन उन्हें ये सब नहीं मिल रहा. मोदी जी सपने बेच रहे हैं.
किसानों के मसले पर राहुल ने कहा कि हमें कृषि मामलों में खुली बहस करनी चाहिए. सामने वाली की बात समझनी चाहिए. जनसंख्या के मसले पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर लोग प्रोडेक्टिव हैं तो कोई दिक्कत नहीं.
यूपीए काल में कथित करप्शन और परिवारवादी पार्टी के आरोप को लेकर राहुल ने कहा कि करीब 30 साल से मेरे परिवार से कोई पीएम या मंत्री नहीं बना. क्या मेरे पिता राजीव गांधी थे इसलिए मुझे चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. क्या नेहरू जी पीएम थे तो मुझे राजनीति में नहीं आना चाहिए.
अमेठी से वायनाड जाने के सवाल पर राहुल ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है. केरल भी बहुत अच्छा राज्य है. लोग बहुत विनम्र हैं. जबकि यूपी में लोग काफी मुखर हैं. मुझे दोनों जगह पसंद हैं.
यूपीए-1 में हमने बेहतरीन काम किया. मिडिल क्लास को मजबूत किया. हो सकता है यूपीए-2 में हमारे खिलाफ़ थोड़ी नाराजगी रही हो. भारत में लगातार 10 साल सरकार चलाना बड़ी बात होती है.
छुआछूत के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं चुनाव के दौरान यूपी के गांव गया. मैंने वहां एक दलित शख्स से पूछा कैसे हो? उसने कहा ठीक हूं, मेरे पास पैसे हैं, लेकिन समाज में वो इज्जत नहीं है, जो ऊंची जातियों को है. ये देखकर मुझे बुरा लगा. इसे सुधारना चाहिए.
बता दें, दीपेश चक्रवर्ती ने वर्चुअल माध्यम से राहुल गांधी से बातचीत की थी. इस दौरान उनसे राजनीति, सामाजिक, आर्थिक, मौजूदा घटनाक्रमों के साथ-साथ उनके परिवार समेत कई मसलों पर सवाल किए गए थे.