
'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?'... कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान को लेकर दर्ज मानहानि के मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया है. गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है. राहुल को कोर्ट से तुरंत 30 दिन की जमानत भी मिल गई. कोर्ट ने राहुल को इसी समय में ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का वक्त दिया है. वे इस दौरान बेल के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.
राहुल ने 2019 में कर्नाटक में एक रैली में ये बयान दिया था. राहुल के इस बयान को पूरे मोदी समाज का अपमान बताते हुए बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था. गुजरात की सूरत कोर्ट ने चार साल पुराने इस मामले में गुरुवार को राहुल को दोषी ठहराया. कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद रहे. इस दौरान गुजरात कांग्रेस के तमाम बड़े नेता उनके साथ मौजूद रहे. राहुल आज ही दिल्ली से सूरत पहुंचे थे.
लाइव अपडेट
- जयराम रमेश ने कहा है कि राहुल की सजा को लेकर राष्ट्रपति से मिला जाएगा. इसके अलावा शुक्रवार को विपक्ष की एक अहम बैठक भी होने जा रही है.
- राहुल गांधी कुछ देर में अपने घर जाने वाले हैं. वहां से वे सोनिया गांधी से मिलने भी जा सकते हैं.
- राहुल गांधी थोड़ी देर में संसद जा सकते हैं. उनके निवास पर इस समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बड़ा जमावड़ा है.
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी सूरत से दिल्ली पहुंच गए हैं. आक्रोशित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर ही जोरदार नारेबाजी की है. दूसरी तरफ सोनिया गांधी, राहुल के निवास पर पहुंच गई हैं.
- राहुल गांधी शाम 6 बजे लोकसभा पहुंच सकते हैं. अभी 6 बजे तक ही लोकसभा स्थगित की गई है.
- राहुल को सजा मिलने पर तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि चक्रव्यूह रच विपक्षी नेताओं पर ED,IT, CBI से दबिश करवाओ फिर भी बात ना बने तो घिनौने षडयंत्र के अंतर्गत विभिन्न शहरों में आधारहीन मुकदमे करवाओ ताकि हैडलाइन मैनेजमेंट में कोई कोर कसर ना रह जाए.
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कोर्ट में क्या क्या हुआ?
- राहुल गांधी ने कोर्ट में जज से कहा, मेरा इरादा गलत नहीं था.
- राहुल ने कोर्ट में कहा, ''मैंने जो बोला, वो राजनेता के तौर पर बोला. मैं हमेशा देश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता रहा हूं.''
- राहुल गांधी के वकील ने बताया, दो साल की सजा सुनाई गई. उन्हें 30 दिन की जमानत मिल गई है. वे इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जा सकते हैं.
- सजा सुनाए जाने से पहले राहुल के वकील ने जज से अपील की कि उनके बयान से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. ऐसे में इस मामले में कम से कम सजा सुनाई जाए. जबकि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इस मामले में राहुल गांधी को अधिकतम सजा और जुर्माना देने की मांग की.
राहुल की लोकसभा सदस्यता पर लटकी तलवार!
राहुल को दो साल की सजा होने की वजह से उनकी लोकसभा सदस्यता पर संकट गहरा गया है. राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें अपनी सदस्यता गवांनी पड़ सकती है. दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं.
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हालांकि, राहुल गांधी को अपनी सदस्यता को बचाए रखने के सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. वो अपनी राहत के लिए हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं, जहां अगर सूरत सेशन कोर्ट के फैसले पर स्टे लग जाता है तो सदस्यता बच सकती है. हाईकोर्ट अगर स्टे नहीं देता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से अगर स्टे मिल जाता है तो भी उनकी सदस्यता बच सकती है.
क्या बोले पूर्णेश मोदी?
याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी ने कोर्ट के बाहर आकर बताया, हमने राहुल के बयान पर याचिका दाखिल की थी. आज फैसला आया है. इसका हम स्वागत करते हैं. ये सामाजिक आंदोलन था. किसी सामाज के खिलाफ ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए.
- पूर्णेश मोदी के वकील केतन रेशमवाला ने बताया कि राहुल को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का दोषी पाया गया है. उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई. राहुल की ओर से अपील की गई कि ऊपरी अदालत में जाने तक उन्हें जमानत दी जाए. कोर्ट ने उन्हें ऊपरी कोर्ट में जाने के लिए जमानत दे दी है, कोर्ट ने 30 दिन के लिए सजा सस्पेंड कर दी.
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राहुल बोले- सत्य मेरा भगवान
कांग्रेस अध्यक्ष ने क्या कहा?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हमें सब पहले से पता था, बार बार जज बदले जा रहे थे. कानून के तहत हम आगे की कार्यवाही करेंगे. हमें पहले से ये बाते मालूम थीं. जनता को सच बताना हमारा काम हैं. यह तानाशाह सरकार है. ये लोग चाहते हैं कि सिर्फ इनकी चले.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, एक साजिश रची जा रही थी, हम सबको मालूम थी. सहयोग से कोर्ट के जज का तबादला कर नए जज बैठाए गए. इसके बाद राहुल को पेश किया गया. उन्हें दोषी करार दिया गया. चुनावी माहौल में राहुल ने मोदी मोदी सरनेम वाला बयान दिया था. ये बोलना अपराध नहीं. यह किसी के अपमान करने के लिए नहीं कहा गया था.
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राहुल को मिला बहन प्रियंका का साथ
नेताओं को खत्म करने की साजिश- अरविंद केजरीवाल
उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल की सजा को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. केजरीवाल ने कहा, गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है. हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं, मगर राहुल गांधी को इस तरह मानहानि मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं. जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना. हम अदालत का सम्मान करते हैं पर इस निर्णय से असहमत हैं.
राहुल जो बोलते हैं, उससे सभी को नुकसान होता है- रिजिजू
उधर, राहुल गांधी को दोषी करार दिए जाने को लेकर जब केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, ''राहुल गांधी जो बोलते हैं, उससे सिर्फ नुकसान ही होता है. इससे कांग्रेस को तो नुकसान होता ही है, लेकिन इससे देश को भी नुकसान होता है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कुछ सांसदों ने उन्हें बताया कि राहुल गांधी का रवैया है, उसने सब कुछ खराब कर दिया. इससे उनकी पार्टी तो डूब ही रही है.बल्कि सभी का नुकसान होता है.''
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, राहुल गांधी मानहानि केस में दोषी ठहराए गए हैं. उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है. कांग्रेस के लोग इसे लेकर तमाम बातें कर रहे हैं. लेकिन सच नहीं बता रहे. 2019 में राहुल ने कर्नाटक में कहा था, सब चोरों का नाम मोदी क्यों होता है. मोदी जाति है. इस समाज के लोग बिजनेसमैन, डॉक्टर , इंजीनियर हैं. यह पूरी तरह से मानहानि है. जो कुछ भी हुआ, वो कानून के तहत हुआ. यहां तक कि राहुल गांधी के खिलाफ सुशील मोदी ने भी पटना में केस दर्ज करा रखा है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, राहुल गांधी कहते हैं कि वे सत्य और अहिंसा पर विश्वास रखते हैं. लेकिन जब वे लोगों का अपमान करते हैं, तो उन्हें इसका मतलब पता है. क्या राहुल गांधी को लोगों को अपमानित करने का अधिकार है, अगर है तो दूसरे लोगों को भी कोर्ट जाने का अधिकार है.
क्या है मामला?
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.
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अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? पूर्णेश भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे. वे दिसंबर में सूरत से फिर विधायक चुने गए हैं.
सुनवाई के दौरान क्या हुआ था?
राहुल इस मामले में पिछले बार 2021 में सूरत की कोर्ट में पेश हुए थे.उन्होंने अपना बयान भी दर्ज कराया था. राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला के मुताबिक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी.
पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता बीजेपी विधायक के वकील ने कोर्ट में बताया था कि गांधी के कोलार भाषण वाली सीडी और पेन ड्राइव से साबित होता है कि कांग्रेस सांसद ने वास्तव में मोदी सरनेम परटिप्पणी की थी, और उनके बयानों ने समुदाय को बदनाम किया.
वहीं, राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि यह पूरी कार्यवाही ही त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 202 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था. इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि इस मामले में शिकायतकर्ता पीएम नरेंद्र मोदी को होना चाहिए था, न कि विधायक पूर्णेश मोदी को, क्योंकि गांधी के भाषण में मुख्य लक्ष्य पीएम मोदी थे.