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'मेरी अमेरिकी यात्रा पर राहुल ने संसद में झूठ बोला…', US दौरे पर उठे सवाल तो एस जयशंकर ने दिया जवाब

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 में मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में जानबूझकर झूठ बोला मैं बाइडेन प्रशासन के राज्य सचिव और एनएसए से मिलने गया. ये सामान्य ज्ञान की बाते है कि हमारे पीएम ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते.

S Jaishankar urged Delhi residents to bring BJP to power in Delhi. (Photo: PTI/File) S Jaishankar urged Delhi residents to bring BJP to power in Delhi. (Photo: PTI/File)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने उन्हें डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निमंत्रण हासिल करने के लिए अमेरिका भेजा था. विदेश मंत्री ने राहुल पर भारत की छवि खराब करने वाली टिप्पणी करने का आरोप लगाया है और कहा कि 2024 की अमेरिका की यात्रा के दौरान पीएम मोदी के निमंत्रण पर कभी चर्चा नहीं की गई.

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विदेश मंत्री ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा, 'विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 में मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में जानबूझकर झूठ बोला मैं बाइडेन प्रशासन के राज्य सचिव और एनएसए से मिलने गया. साथ ही हमारे महावाणिज्य दूत की एक बैठक की अध्यक्षता करने के लिए भी गया. मेरे प्रवास के दौरान एनएसए-नामित होने वाले सदस्य ने मुझसे मुलाकात की.'

'हमारे पीएम ऐसे कार्यक्रम में नहीं होते शामिल'

उन्होंने आगे कहा कि किसी भी स्तर पर प्रधानमंत्री के संबंध में किसी निमंत्रण पर चर्चा नहीं की गई. यह सामान्य ज्ञान है कि हमारे प्रधानमंत्री आमतौर पर ऐसे आयोजनों में शामिल नहीं होते हैं. वास्तव में भारत का प्रतिनिधित्व आम तौर पर विशेष दूतों द्वारा किया जाता है. राहुल गांधी के झूठ का उद्देश्य राजनीतिक हो सकता है, लेकिन वे विदेशों में देश को नुकसान पहुंचाते हैं.

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क्या बोले राहुल गांधी

दरअसल, सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा, अगर हमारे देश के पास अच्छा मैन्यूफैक्चरिंग सिस्टम होता तो विदेश मंत्री को इतनी बार जाकर अमेरिकी राष्ट्रपति की ताजपोशी में पीएम को शामिल कराने के लिए अनुरोध नहीं करना पड़ता. विदेश मंत्री को इतनी मेहनत न करनी पड़ती कि वो अमेरिका जाते और कहते कि प्लीज हमारे प्रधानमंत्री को कॉल करें. राहुल के इसी बयान पर विदेश मंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. 

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